Patriarchal
बीच बहस
दलित स्त्री-3: स्त्रीवाद और दलित स्त्री/भ्रामक अवधारणा बनाम वास्तविक संघर्ष
1841 में भारत के वर्तमान महाराष्ट्र प्रांत में एक महार दलित परिवार में पैदा हुई मुक्ता साल्वे, जो जोतिबा फुले और सावित्री बाई फुले द्वारा स्थापित स्कूल में पढ़ती थी, ने 1855 में एक निबंध लिखा जो कि दो...
बीच बहस
दलित स्त्री-2: आंबेडकर के आंदोलन में शामिल हुईं कई दलित स्त्रियां
इस समस्त कवायद का उद्देश्य यही है यह बात अच्छी तरह साफ़ हो कि जिसे हम भारतीय सन्दर्भ में पितृसत्ता कहते है वो केवल पितृसत्ता नहीं है वो असल में ‘ब्राह्मणीय पितृसत्ता’ है। ब्राह्मणीय पितृसत्ता ही असल में इस...
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ब्राह्मणवाद और पितृसत्ता महिलाओं के दो सबसे बड़े दुश्मन
भले ही भौतिक साधनों और तकनीकी प्रगति के मामले में भारत एक आधुनिक देश दिखता हो, लेकिन मानसिक तौर पर अधिकांश भारतीय आज भी मध्यकालीन मानसिकता में जीते हैं। इसका सबसे मुखर रूप भारतीयों की स्त्री को दोयम दर्जे...
बीच बहस
फासीवाद को सबसे बड़ा खतरा कला से लगता है
कलाकार (कवि, फिल्म लेखक, संगीतकार, आर्ट एक्टिविस्ट) मयंक मुंबई से दिल्ली तक एनआरसी-सीएए-एनपीआर के खिलाफ़ देशभर में चल रहे जनांदोलन में अपनी कला के जरिए प्रतिरोध को अलग ही मुकाम दे रहे हैं। जनचौक के लिए सुशील मानव से...
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क्या तमिलनाडु में भाजपा को अपने आक्रामक चुनाव अभियान से कुछ हासिल होगा?
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सहित एआईडीएमके और भाजपा के द्वारा अपने-अपने गठबंधनों को अंतिम स्वरुप देने का काम लगभग...
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