दो ‘आपातकालों’ का कैदी
‘आगे और लड़ाई है’ प्रबीर पुरकायस्थ की आत्मकथा है। अंग्रेजी में लिखी उनकी आत्मकथा ‘किपिंग अप द गुड फाइट’ का यह अनुवाद है। इसमें छात्र-जीवन, [more…]
‘आगे और लड़ाई है’ प्रबीर पुरकायस्थ की आत्मकथा है। अंग्रेजी में लिखी उनकी आत्मकथा ‘किपिंग अप द गुड फाइट’ का यह अनुवाद है। इसमें छात्र-जीवन, [more…]