जन प्रतिरोध की आवाज 67 साल से कैद अमेरिकी राजनीतिक बंदी रुचेल मागी की रिहाई के मायने
फैज़ साहब ने लिखा है यूं ही हमेशा उलझती रही है ज़ुल्म से ख़ल्क़ न उनकी रस्म नई है, न अपनी रीत नई यूं ही [more…]
फैज़ साहब ने लिखा है यूं ही हमेशा उलझती रही है ज़ुल्म से ख़ल्क़ न उनकी रस्म नई है, न अपनी रीत नई यूं ही [more…]