जब वे सलीबों के करीब आए, तो कायदा-कानून समझाने लगे!

दुष्यंत कुमार की एक बेहद प्रासंगिक कविता की पंक्तियां हैं-वो सलीबों के करीब आए तो हमको,कायदे-कानून समझाने लगे हैं कल…