Thursday, April 25, 2024

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कृषि विधेयक: डिप्टी चेयरमैन की यह बात भी झूठी निकली कि मत विभाजन की मांग करते समय सदस्य नहीं थे अपनी सीट पर

नई दिल्ली। राज्य सभा में रविवार को दो कृषि बिलों के मामले में विपक्ष के मत विभाजन की मांग को ठुकराकर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह उन्हें ध्वनि मत से पारित करा दिया था। इसके पीछे उनका तर्क था...

कृषि विधेयक: ध्वनिमत का मतलब ही था विपक्ष को शांत करा देना

जब राज्य सभा में एनडीए को बहुमत हासिल था तो कृषि विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कराने की क्या जरूरत थी? राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश जी इसे लेकर आपके वैध पक्ष को जानने सुनने के लिए पूरे देश...

दैत्याकारी कॉरपोरेट के जबड़ों के हवाले किसान

कृषि सुधार के नाम पर तीन नए कानून 20 सितंबर, 2020 को राज्यसभा में पास घोषित कर दिये गए। इस बिल को कैसे आनन-फानन में बिना संसदीय औपचारिकताओं को पूरा किये पास कर दिया गया यह तो उस दिन की...

नए भारत में बदहाल किसान

सरकार कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य आपातकाल जैसी दशाओं के मध्य - जबकि संसद से बाहर और संसद में भी चर्चा, विमर्श, प्रतिरोध एवं जनांदोलन के लिए स्थान लगभग नगण्य है- कृषि सुधारों को अध्यादेशों के रूप में चोर...

जनता से ज्यादा सरकारों के करीब रहे हैं हरिवंश

मौजूदा वक्त में जब देश के तमाम संवैधानिक संस्थान और उनमें शीर्ष पदों पर बैठे लोग अपने पतन की नित-नई इबारतें लिखते हुए खुद को सत्ता के दास के रूप में पेश कर अपने को धन्य मान रहे हों,...

आखिर राज्य सभा में कल क्या हुआ? पढ़िए सिलसिलेवार पूरी दास्तान

नई दिल्ली। राज्य सभा में कल के पूरे घटनाक्रम की सत्ता पक्ष द्वारा एक ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है जैसे जो हुआ उसके लिए पूरी तरह से विपक्ष जिम्मेदार है। इस तरह से सारी जिम्मेदारी उसके सिर...

दिनदहाड़े सत्ता पक्ष ने हड़प लिया संसद

आज दिनदहाड़े संसद को हड़प लिया गया। उसकी अगुआई राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने की। जिस कुर्सी को न्याय की पीठ मानी जाती है। वह आज सदन के भीतर अन्याय की सबसे बड़ी किरदार बन गयी।...

आरजेडी सांसद मनोज झा हो सकते हैं राज्य सभा उप सभापति के लिए विपक्ष के उम्मीदवार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा राज्यसभा में उप सभापति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। बुधवार को एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इसका इशारा किया। बताया जा रहा है कि मंगलवार को...

हरिवंश जी, आप का भास्कर का लेख बताता है! सत्ता के मोह और कुर्सी की लालच के नीचे दफ़्न हो जाया करते हैं आदर्श

भारत में जब संसद चलती है तो यह देश हर दिन 2 करोड़ रुपये उसे चलाने के लिए फूंक देता है। राज्य सभा में जाने के लिए इसके उम्मीदवार करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। जाहिर है कि वह सिर्फ...

गोगोई जी! संविधान और कानून के शासन की अनदेखी से है न्यायिक स्वतंत्रता को खतरा

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने सच ही कहा है कि न्यायिक स्वतंत्रता खतरे में है लेकिन उसके लिए ज़िम्मेदार कारकों का गलत निरूपण किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गये साक्षात्कार में राज्य सभा सदस्य के तौर पर...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...