Estimated read time 1 min read
बीच बहस

वर्तमान दौर में कर्पूरी ठाकुर की प्रासंगिकता

समाजवादी नेता मधु लिमये (1 मई 1922–8 जनवरी 1995) के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में पिछले दो सालों से विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। जनवरी [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

कोरोना के दौर में हाउसफुल तख्तियों के साथ वैचारिक नाटक!

0 comments

एक ऐसे समय जब विकार का बोलबाला है…विकार  आस्था, धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ विचार पर तांडव कर रहा है। संविधान सम्मत न्याय, अधिकार, [more…]

Estimated read time 2 min read
ज़रूरी ख़बर

लोहिया की प्रासंगिकता और उनसे जुड़े सवाल

0 comments

महापुरूषों की स्मृति और मूल्यांकन से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधी जी के बाद डॉक्टर राममनोहर लोहिया ही सबसे प्रखर [more…]

Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

आचार्य नरेंद्र देव जन्मदिवस: मार्क्सवाद का देसी मास्टर, जिसने गांधी को भी बताई वर्ग की अहमियत

31 अक्तूबर अनेक कारणों से महत्वपूर्ण है। इसी तारीख को साल 1984 में  इंदिरा जी को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने मार डाला था। आज सरदार [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

हिंदी दिवस सिर्फ एक फालतू कर्मकांड ही नहीं, राष्ट्रीय क्षति भी!

लंबे समय तक मैं हिंदी दिवस के कार्यक्रमों में जाया करता था। एक हिंदी पत्रकार होने के नाते मुझे इस मौके पर हर साल कभी [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

गांधी को कौन मार सकता है!

देश को ब्रिटिश हुकूमत के पंजों से आज़ाद कराने के लिये सत्याग्रह, अहिंसा और असहयोग पर आधारित जनांदोलन की शुरुआत करने वाले महात्मा गांधी की [more…]