Tag: religion

  •    शिक्षा, विकास और नास्तिकता का परस्पर संबंध

       शिक्षा, विकास और नास्तिकता का परस्पर संबंध

    धर्म के प्रति मुख्य आकर्षण का एक कारण यह है कि यह अनिश्चित दुनिया में सुरक्षा का काल्पनिक अहसास दिलाता है। लेकिन बावजूद इसके दुनियाभर में नास्तिकता बढ़ रही है। कैलिफ़ोर्निया में क्लेरमोंट के पिटज़र कॉलेज में सामाजिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर फिल ज़करमैन कहते हैं, “इस समय दुनिया में पहले के मुक़ाबले नास्तिकों की संख्या…

  • बेस्टसेलिंग आइटम बन गया है ‘योगा’

    बेस्टसेलिंग आइटम बन गया है ‘योगा’

    योग को सामान्यतः एक हिन्दू धार्मिक अभ्यास के रूप में देखा जाता है। अन्य धर्म के लोगों ने शुरू में इसका विरोध ‘सूर्य नमस्कार’ शब्द को लेकर किया था। पतंजलि योग सूत्र कहता है कि योग का अर्थ है चित्त की वृत्तियों का दमन, निरोध। किसके चित्त और किसकी वृत्तियाँ? यहाँ तो 48 डिग्री सेल्सियस…

  • भाजपा ने कहा वह सर्वधर्म समभाव और संविधान में विश्वास करती है ! 

    भाजपा ने कहा वह सर्वधर्म समभाव और संविधान में विश्वास करती है ! 

    भाजपा ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह कहा है कि, ” भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित पल्लवित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी सर्वपंथ समभाव को मानती है। किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती। भारतीय जनता पार्टी को ऐसा कोई भी विचार स्वीकृत नहीं है जो किसी…

  • नास्तिकता से बेहद गहरा है शिक्षा और विकास का रिश्ता

    नास्तिकता से बेहद गहरा है शिक्षा और विकास का रिश्ता

    धर्म के प्रति मुख्य आकर्षण का एक कारण यह है कि यह अनिश्चित दुनिया में सुरक्षा का काल्पनिक अहसास दिलाता है। लेकिन बावजूद इसके दुनिया भर में नास्तिकता बढ़ रही है। कैलिफ़ोर्निया में क्लेरमोंट के पिटज़र कॉलेज में सामाजिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर फिल ज़करमैन कहते हैं, “इस समय दुनिया में पहले के मुक़ाबले नास्तिकों की संख्या…

  • ये प्रायोजित आस्थाओं का दौर है!

    ये प्रायोजित आस्थाओं का दौर है!

    ये प्रायोजित आस्थाओं का दौर है। जिसमें न धर्म की कोई भूमिका है न ही अध्यात्म के लिए कोई स्थान। यहां बस सत्ता और उसकी राजनीतिक जरूरत है और फिर उसके हिसाब से धर्म का इस्तेमाल। इस काम के लिए भले ही आस्था की बलि चढ़ा दी जाए उससे इसको कोई फर्क नहीं पड़ता है।…

  • जन्मदिन पर विशेष: मसीहाई भी जिसे रास नहीं आई

    जन्मदिन पर विशेष: मसीहाई भी जिसे रास नहीं आई

    जिद्दू कृष्णमूर्ति (1895-1986) दक्षिण भारत के छोटे शहर मदनपल्लै में पैदा हुए। छोटी अवस्था में ही थियोसॉफिकल सोसाइटी की अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की बड़ी नेत्री एनी बेसेंट ने कृष्णमूर्ति और उनके भाई नित्यानंद की परवरिश की ज़िम्मेदारी खुद पर ले ली। एनी बेसेंट और थियोसॉफिकल सोसाइटी के अन्य प्रमुख सदस्य लेडबीटर ने यह…

  • जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए 

    जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए 

    आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें किसी हाथी को नेत्रहीन लोग उतना ही बूझ पाए जितना वे हाथी को स्पर्श कर सके। जिसने सूंड़ स्पर्श किया वो हाथी के दांत नहीं समझ सका। जिसने कान स्पर्श किया वो हाथी के पैर…

  • स्पेशल रिपोर्ट: “यूथ को रोजगार चाहिये, सरकार धर्म दे रही है”

    स्पेशल रिपोर्ट: “यूथ को रोजगार चाहिये, सरकार धर्म दे रही है”

    एक बाइक सवार आदमी को दो लेबर चाहिये। रूम शिफ्टिंग के लिये। सारे लेबर उसे घेरकर खड़े हो जाते हैं। बेरोज़गारी की व्यवस्था में फिर शुरू होता है बार्गेनिंग का खेल। और एक स्थिति ऐसी आती है जब सारे लेबर आपस में ही लड़ने-झगड़ने और मार पीट पर उतर आते हैं। ये हालत कहीं और…

  • काशी विश्वनाथ धाम कोरिडोर: धर्म क्षेत्र का कारपोरेटीकरण

    काशी विश्वनाथ धाम कोरिडोर: धर्म क्षेत्र का कारपोरेटीकरण

    प्रथमचरण 30 वर्ष पहले उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियां भारत में लागू की गईं। जहां से भारत के विविध क्षेत्रों का निजीकरण यानी कॉरपोरेटाइजेशन शुरू हुआ। पहली प्राथमिकता थी कि इन नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए अब तक चल रहे कानूनों और संवैधानिक प्रावधानों को बदल देना। जिससे भारत के संस्थानों और प्राकृतिक…

  • आइए हम कन्वर्ट करें और खुद कन्वर्ट हो जाएं

    आइए हम कन्वर्ट करें और खुद कन्वर्ट हो जाएं

    मुझे एक सच कबूलना है। यह कि मैं कई बार परिवर्तित (कन्वर्ट) हुआ हूं। एक आस्था से दूसरी में,अंतहीन बार। और मैं तो बस इस अनुभव से प्यार करने लगा हूँ। कभी-कभी मैं एक रोचक पुस्तक को पढ़कर, किसी सम्मोहक विचार की शक्ति से परिवर्तित हो गया हूँ। या कोई अच्छी फिल्म देखने या गाना…