Friday, April 26, 2024

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न्यायपालिका में SC,ST और OBC के समुचित प्रतिनिधित्व के बिना कानून का राज संभव नहीं 

विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों में बंटे समाज में कानून का शासन, ऐसी न्यायिक व्यवस्था के द्वारा ही संभव है, जिसमें सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व हो। जजों और कर्मचारियों की नियुक्तियां, विभिन्न वर्गों और संप्रदायों के बीच से, उनकी...

बहुजन समाज की सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देकर ही RSS-BJP को हराया जा सकता है: बहुसंख्यक बुद्धिजीवी सम्मेलन  

देश में आरएसएस के बढ़ते वर्चस्व और भाजपा द्वारा बहुजन राजनीतिक पार्टियों के अस्तित्व को खत्म करने के आक्रामक अभियान के बीच बहुसंख्यक बुद्धिजीवी गोलमेज सम्मेलन हुआ। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए बुद्धिजीवियों ने शिरकत...

दुनिया की महिलाओं एक हो जाओ, तुम्हारे पास खोने के लिए अपनी जंजीरों के अलावा कुछ नहीं है: चीफ जस्टिस रमना

न्यायपालिका में ज़्यादा महिलाओं की भागीदारी पर बल देते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि भारत की न्यायपालिका में महिलाओं के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने देश भर के लॉ कॉलेजों...

आखिर क्यों भाग रही है महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने से सरकार?

चंद रोज़ पहले तालिबान के अफगानिस्तान पर क़ब्ज़े के बाद बनी नई सरकार के एक प्रवक्ता के बयान को भारत के अख़बारों ने प्रमुखता से छापा था – महिलाएं मंत्री बनाए जाने लायक़ नहीं हैं, उनका काम बच्चे पैदा...

जस्टिस कुरैशी को मप्र की जगह त्रिपुरा का सीजे बनाने का प्रस्ताव अभी भी लटका

क्या आप जानते हैं कि उच्चतम न्यायालय में 34 न्यायाधीश हैं, जिसमें एक न्यायाधीश मुस्लिम है। जबकि पूरे देश के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 601 पदों के सापेक्ष मात्र 25 स्थायी और छह अपर न्यायाधीश मुस्लिम हैं। इस...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...