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संस्कृति-समाज

किताब पर चर्चा: आज के समय में गंभीर हस्तक्षेप हैं मुकुल सरल की ग़ज़लें और नज़्में

नई दिल्ली। “इस किताब में बहुतों की आवाज़ शामिल है। इसमें मुल्क के आज के हालात को शामिल किया गया है। मुकुल सरल की ग़ज़लें [more…]