दुनिया देश और समाज : रिश्‍तों में मिठास नहीं क्‍यों आज?

आजकल हमारे रिश्‍तों-नातों में मिठास की कमी महसूस हो रही है। दिवाली जैसे त्‍योहार में औपचारिकतावश मिठाई के डिब्‍बों का…

यह कैसी सामाजिक समरसता?

वे बोले- ”सामाजिक समरसता के लिए जाति खत्‍म करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। यह तो हमारी धर्म-संस्‍कृति का हिस्‍सा…

भारत के बारे में आशावाद उसकी सामाजिक समरसता पर आधारित है: मनमोहन सिंह

(जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है…