सुपरबिलियनेयर्स: पूँजीवाद की पराकाष्ठा या पतन की प्रस्तावना?
धन का संकेन्द्रण और समाज में आर्थिक असमानता कोई नई घटना नहीं है, बल्कि यह इतिहास में विभिन्न रूपों में प्रकट होती रही है। संपत्ति [more…]
धन का संकेन्द्रण और समाज में आर्थिक असमानता कोई नई घटना नहीं है, बल्कि यह इतिहास में विभिन्न रूपों में प्रकट होती रही है। संपत्ति [more…]