मनमोहन सिंह की नीतियां विकास की मजबूरी थी या पूंजीवादी व्यवस्था की ज़रूरत?
हमारी भी बड़ी मजबूरी है क्योंकि अन्ना आन्दोलन से पहले ही हम जैसे लोग जो हर सरकार में सदा स्थायी विपक्ष की भूमिका निभाते आए [more…]
हमारी भी बड़ी मजबूरी है क्योंकि अन्ना आन्दोलन से पहले ही हम जैसे लोग जो हर सरकार में सदा स्थायी विपक्ष की भूमिका निभाते आए [more…]
लोकतंत्र में चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं होता है। जीवन की तरह चुनाव में भी महत्वपूर्णता का आधार सत्य से बनता है। मुश्किल [more…]