Tag: Usa
-
बहुजन आंदोलन की प्रतिनिधि इतिहासकार थीं गेल ओमवेट
गेल ओमवेट भारत के, विशेषकर आधुनिक भारत के बहुजन आंदोलन की एक प्रतिनिधि इतिहासकार थीं। मेरा आधुनिक बहुजन आंदोलन से अर्थ ज्योतिराव फुले ( 11 अप्रैल 1827-28 नवंबर 1890) से लेकर डॉ. आंबेडकर ( 14 अप्रैल 1891-6 दिसंबर 1956) के नेतृत्व में चले बहुजनों ( पिछड़े-दलितों) के मुक्ति के आंदोलन से है, जिसका नेतृत्व शूद्र…
-
अफगान त्रासदी और हमारे लिए उसका सबक!
काबुलीवाला, कहानी पढ़ी थी। तब तक अफगानिस्तान या किसी और मुल्क की परिकल्पना दिमाग में नहीं थी। उस कहानी ने एक पिता की जो अपने मुल्क और परिवार से हजारों मील दूर था उसके दिल में अपनी बेटी के लिए पल रहे मोहब्बत की गहरी भावना मेरे युवा मन को अंदर तक झकझोर कर संवेदित…
-
अफगानिस्तान: सामने आ गयी अमेरिका की असलियत
काबुल हवाई अड्डे से उड़ने को तैयार अमेरिकी वायु सेना के विमान में जगह पाने के लिए जान की बाजी लगा रहे अफगानों की तस्वीर बाकी दुनिया के लोग जल्द ही भूल जाएंगे। भीड़ के पीछे से सीने में अपने बच्चे को चिपकाए भागती आ रही औरत का चेहरा भी उनके जेहन से गायब हो…
-
दुनिया को न तो मध्यकालीन बर्बर तालिबान चाहिए; न बर्बर अमेरिकी या कोई अन्य साम्राज्यवाद
न्याय, समता, बंधुता, लोकतंत्र और समृद्धि पर सबके समान हक का पक्षधर कोई भी व्यक्ति या संगठन किसी भी ऐसे व्यक्ति, संगठन, समुदाय या देश का समर्थन नहीं कर सकता या उसके पक्ष में खड़ा नहीं हो सकता, जो इन विचारों एवं मूल्यों में विश्वास न रखते हों और व्यवहार में लागू करने की पुरजोर…
-
अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता-वापसीः अमेरिका की मजबूरी, समर्पण या किसी नये षड्यंत्र का प्रकल्प?
अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी को लेकर कुछ भारतीय मीडिया प्लेटफार्म्स और कथित सामरिक विशेषज्ञ बेवजह भ्रम फैला रहे हैं। उन्हें यह तालिबान के समक्ष अमेरिका के समर्पण जैसा कुछ लग रहा है। कुछ को इसमें वियतनाम की छवि दिखाई दे रही है, मानो वियतनामियों की तरह तालिबान ने लड़ते हुए अमेरिकी सैनिकों…
-
अब तालिबान का हुआ अफ़गानिस्तान
ग़मनाक है शीरमाल और सूखे मेवों, हींग और अपने ईमान के लिए विख्यात पठानों का देश अफ़ग़ानिस्तान भारत की आज़ादी की 75वीं साल गिरह पर लोकतंत्र की बलि चढ़ाकर 15 अगस्त, 2021 को तालिबानियों का देश बन गया। सारी दुनिया पिछले चार माह से तालिबान की ख़ूंख़्वार हरकतें देख रही है। वहां जबकि कथित सुपर…
-
महाबली को खानी पड़ी अफगानिस्तान में मुंह की
‘बोतल का जिन्न बोतल से बाहर आकर अपने आका को ही खा गया। ‘यह आमजन में प्रचलित एक लोकप्रिय मुहावरा है, परंतु आज अफगानिस्तान की सत्ता पर पुनर्वापसी कर आतंकवादी तालिबान ने उक्त बात को ही गंभीरता से परिपुष्ट किया है। याद करिए यही अमेरिका शीतयुद्ध के जमाने में तत्कालीन सोवियत संघ की सेनाओं से…
-
जन्मदिन पर विशेष: अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गए थे फिदेल
फिदेल ऐलेजैंड्रो कास्त्रो रूज़ (जन्म: 13 अगस्त 1926) एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की। हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक चिर परिचित व्यक्ति बन गए। उनका राजनीतिक जीवन क्यूबा के राष्ट्रहित में फुल्गेंकियो बतिस्ता शासन और…