Friday, March 29, 2024

Vashistha dies

वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नहीं बल्कि अफसर, नेता और ठेकेदार पैदा करता है एक लोभी, काहिल और वर्चस्व पसंद समाज

किंवदंती पुरुष गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण  सिंह 14 नवंबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए। यूं भी उनका पार्थिव  शरीर ही शेष था। चेतना तो आज से 45   साल पहले ही लोप हो गई थी। दरअसल उनका वास्तविक अवसान...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...