सरकार को नहीं मालूम आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया! केंद्रीय सूचना आयोग ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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मोदी सरकार को नहीं पता आरोग्य सेतु  ऐप किसने बनाया है! इस मामले में केंद्रीय सूचना आयोग ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

दरअसल सौरभ दास नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कर कहा था कि आरोग्य सेतु को किसने बनाया है, सरकार के पास इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। सौरभ ने ऐप के प्रस्ताव के मूल विवरण, इसके अनुमोदन विवरण, इसमें शामिल कंपनियों, व्यक्तियों और सरकारी विभागों और एप्लिकेशन को विकसित करने में शामिल निजी लोगों के बीच संचार की प्रतियां जैसे विवरण मांगे थे।

दास ने दावा किया है कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वाले के बारे में जानकारी के लिए एनआईसी, नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क किया था। दास ने अपनी शिकायत में कहा है कि न एनआईसी और न ही मंत्रालय ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी दी। सीआईसी ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर से यह भी पूछा है कि वह बताए कि उसकी वेबसाइट पर आरोग्य सेतु ऐप का नाम क्यों है, जबकि उसके पास इसके बारे में जानकारी ही नहीं है।

केंद्रीय सूचना आयोग ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआइसी) से जवाब मांगा है कि जब आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उसे कैसे नहीं पता कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया। आयोग ने मंत्रालय समेत कई लोगों को नोटिस भेजा है। आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एनआइसी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। नोटिस में पूछा गया है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया है?

बता दें कि, बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने आरोग्य सेतु की तारीफ करते हुए कहा था कि यह ऐप कोविड-19 मरीजों की पहचान करने में बहुत उपयोगी और कारगर है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘आरोग्य सेतु एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है तथा इसमें कोई संस्थागत जांच-परख नहीं है। इससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं।’

गांधी ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन नागरिकों की सहमति के बिना उन पर नजर रखने का डर नहीं होना चाहिए। इस पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हर दिन एक नया झूठ। आरोग्य सेतु ऐप शक्तिशाली सहयोगी है जो लोगों की सुरक्षा करता है। इसमें डाटा सुरक्षा की ठोस व्यवस्था है। जो लोग जीवन भर निगरानी करने में जुटे रहे, वे नहीं समझ सकते कि प्रौद्योगिकी का अच्छे कार्यों में उपयोग किया जा सकता है।’

किंतु अब जाके पता चला कि इस ऐप को किसने बनाया खुद सरकार को इसकी जानकारी ही नहीं है!

इस पर तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है।

बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप को लेकर खुफिया एजेंसियों ने भी चिंता जताई थी। केंद्र सरकार द्वारा आरोग्य सेतु ऐप जारी करने के बाद इसे बढ़ावा देने और हर नागरिक को अपने मोबाइल पर इसे डाउनलोड करने को प्रेरित करने के लिए टीवी पर फिल्म स्टार द्वारा प्रचार अभियान भी शुरू किया गया।

भारत के छोटे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश में कोरोना ने वो तांडव नहीं मचाया जितना कि यहां। उपराष्ट्रपति सहित कई सांसद और मंत्री कोरोना से पीड़ित हुए। टीवी पर आकर कोरोना से सावधानी और बचने की सलाह देने वाले अमिताभ बच्चन और परिवार के लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। उधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी इन दिनों कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हैं और अब खबर है कि केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं।

बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस ऐप न होने से सरकार किसी नागरिक की बुनियादी सुविधाएं नहीं रोक सकती है।

(वरिष्ठ पत्रकार और कवि नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

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