अहमदाबाद। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी खुश हैं, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्र प्रमुख गुजरात के अतिथि थे और अमेरिका से सीधे अहमदाबाद आए। रूपानी अहमदाबाद लैंड को इतिहास की पहली घटना बता रहे हैं। ट्रंप विजिट से सरकार और भाजपा इतनी उत्साहित है कि दौरे का पूरा क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए भाजपा के नेता मोदी ट्रंप को लंगोटिया दोस्त बता रहे हैं। दोस्ती के बैनर भी लगाए गए हैं।
जानकार मानते हैं कि दोस्ती का हल्ला मचाकर भाजपा मोदी की ब्रैंडिंग कर रही है। वास्तव में अमेरिका में चुनाव हैं। ट्रंप अमेरिका में रहने वाले गुजरातियों को रिझाने के लिए गुजरात आ रहे हैं। ट्रंप मोदी की दोस्ती इतनी गहरी है कि ट्रंप कहते हैं कि भारत का रवय्या ठीक नहीं लेकिन मैं मोदी को पसंद करता हूं। फिर भी सत्ता में बैठे लोगों को ट्रंप का यह बयान बुरा नहीं लगता।
डोनाल्ड ट्रंप को ‘गुजरात मॉडल’ में कोई झुग्गी झोपड़ी न दिखे इसलिए अहमदाबाद महानगर पालिका द्वारा एरपोर्ट और इंद्रा ब्रिज के बीच सरनिया वास को सात फिट की दीवार से ढक दिया गया, ताकि किसी को सरनिया वास के कच्चे मकान न दिखें। मोटेरा के पास झुग्गी झोपड़ी को भी नगर निगम ने झुग्गी खाली करने का नोटिस थमा दिया।
ट्रंप के गुजरने वाली सड़कें चमका दी गईं हैं। रूट पर जहां नज़र उठे मोदी ट्रंप की होर्डिंग्स दिखती है। गुजरात सरकार के खिलाफ दस से बारह धरने केवल गांधी नगर सत्याग्रह छावनी में थे, लेकिन रविवार को केवल एक धरना बचा था बाकी सभी धरने बल प्रयोग या बहला फुसला कर पुलिस और सरकार ने उठवा दिया।
मालधारी आदिवासी जो गीर और सोमनाथ के इलाके में रहते हैं, उन्हें 2017 में अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया था। इसके बाद अन्य आदिवासी समुदाय के लोग विरोध कर रहे थे। विरोध के कारण गुजरात सरकार ने इस मालधारी समुदाय को अब अनुसूचित जनजाति का सर्टिफिकेट देना बंद कर दिया। इस कारण मालधारी आदिवासी अपने आप को पिछड़े के बजाय अनुसूचित जनजाति में रखना चाहते हैं, इसीलिए मालधारी आदिवासी गांधी नगर सत्याग्रह छावनी पर बैठे हैं।

ट्रंप विजिट के कारण इन लोगों ने तीन दिन के लिए धरना रोक दिया है। रणवीर देसाई ने बताया कि गुजरात की अस्मिता को हानि न हो, इसलिए हमने आंदोलन तीन दिन के लिए रोका है। हमारे दो साथी उपवास पर हैं। वह जारी है। हम शमा की पूजा करते हैं वह भी जलती रहेगी।”
2018 में गुजरात सरकार अधिसूचना जारी कर सरकारी नौकरी में पहले आरक्षित कैटेगरी की भर्ती करने का प्रावधान बनाया। अब आरक्षित कैटेगरी का उम्मीदवार यदि अच्छे नंबर लाता है फिर भी SC, ST और OBC को जनरल कोटे से भर्ती नहीं मिलेगी। इस अधिसूचना के विरोध में हसमुख सक्सेना भूख हड़ताल पर बैठे थे। आरक्षित कोटे वाले सत्याग्रह छावनी में धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है अधिसूचना रद्द की जाए। वहीं पाटीदार समाज भी धरने पर बैठा है, ताकि अधिसूचना रद्द न हो।
सक्सेना को पुलिस ने जबरन हॉस्पिटल भेज टेंट खाली करा लिया। उसके बाद पाटीदार भी धरने से उठ गए। लोक रक्षक दल में महिलाओं के बढ़े कोटे के विरोध में परीक्षा में बैठे उम्मीदवार अचानक महिला कोटा बढ़ने से दुखी हैं और धरने पर बैठे गए। नारण भाई ठाकोर ने बताया कि भर्ती में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण था। जिसे सरकार ने बढ़ा कर 46% कर दिया जिस कारण हमारे अधिकार मारे गए हैं। महिला आरक्षण के बजाय सरकार को भर्ती बढ़ाना चाहिए।
पुलिस ने ट्रंप दौरे के कारण इन्हें बल प्रयोग से हटा दिया, लेकिन इनका कहना है कि आज भले ही हट गए लेकिन 26 फरवरी को बड़ा आंदोलन करेंगे। शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर एक धरना था जो गायब हो गया। छावनी में लगभग आठ से दस धरने थे। सरकार और पुलिस सभी धरने हटाने में कामयाब हुई, लेकिन अहमदाबाद में नागरिकता कानून के विरोध में चल रहे सभी धरने जारी रहे।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मुख्य आयोजकों को नज़रबंद कर लिया था। उन्हें ऐसा लग रहा था ये लोग ट्रंप को काला कपड़ा दिखा सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप गांधी आश्रम देखने के मोटेरा स्टेडियम में मोदी ट्रंप का संबोधन भी हुआ, जिसमें ट्रंप ने मोदी के कसीदे पढ़े और मोदी ने ट्रंप के।