पटना। ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ) द्वारा आज पटना में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के यूनाइटेड लेफ्ट से निर्वाचित पदाधिकारियों का नागरिक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर ‘शिक्षा व लोकतंत्र पर बढ़ते हमलों के दौर में जेएनयूएसयू चुनाव परिणामों के मायने’ विषय पर एक परिचर्चा भी आयोजित की गई।
सम्मान समारोह के बाद आयोजित परिचर्चा में भाकपा (माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार जेएनयू में यूनाइटेड लेफ्ट की जीत विशेष मायने रखती है, क्योंकि यह चुनाव पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुआ। ऐसे कठिन समय में जेएनयू के भीतर और बाहर लोकतांत्रिक संघर्ष को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यही हमारी चर्चा का केंद्र बिंदु है।
उन्होंने कहा कि जेएनयू की यह जीत हम सभी को ताकत देने वाली है। यह एक ऐसा संस्थान है जो पढ़ता भी है और लड़ता भी है। उन्होंने जेएनयू की ऐतिहासिक भूमिका का हवाला देते हुए कहा कि आपातकाल के दौर में सीताराम येचुरी जैसे नेता वहीं से निकले, जिन्होंने दशकों तक फासीवादी ताकतों से लोहा लिया। उन्होंने कहा कि आज की लड़ाई पहले से भी अधिक कठिन है और हमें इसे डटकर लड़ना होगा।
उन्होंने देश में फैले युद्धोन्माद के माहौल पर चिंता जताते हुए कहा कि आज तो भारत के विदेश सचिव तक को नहीं बख्शा जा रहा है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम हो चुका है, लेकिन अच्छा होता यदि दोनों देशों की सरकारें अपनी जनता की शांति की आवाजों को सुनतीं और अमेरिकी हस्तक्षेप के लिए कोई जगह न छोड़तीं। साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान के मुख्यधारा मीडिया को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि झूठी खबरों और युद्ध को मनोरंजन की तरह परोसने पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए।
कार्यक्रम में जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि जेएनयू में वामपंथी ताकतों के बीच पूरी एकता नहीं बन पाई, लेकिन हम चाहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में सभी प्रगतिशील ताकतें एकजुट हों और फासीवादी भाजपा को रोका जाए।
महासचिव मुन्तेहा फातिमा ने कहा कि दलितों, मुसलमानों और कमजोर वर्गों पर लगातार हमले हो रहे हैं। जेएनयू को इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि वहां इन तबकों से आने वाले छात्र सरकार से सवाल पूछते हैं। उपाध्यक्ष मनीषा ने कहा कि हम भगत सिंह और डॉ. अंबेडकर की विरासत के वारिस हैं और फासीवाद के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जेएनयू को बदनाम करने की तमाम कोशिशें हुईं, लेकिन हम चाहते हैं कि देश के हर हिस्से में जेएनयू जैसा कैंपस हो।
पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने जेएनयू की विरासत को गर्व का विषय बताया और कहा कि यह वही संस्थान है जिसने का. चंद्रशेखर जैसे नेताओं को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे संस्थानों को बर्बाद करना चाहती है क्योंकि ये सत्ता से सवाल करते हैं। निवर्तमान अध्यक्ष का. धनंजय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रसिद्ध इतिहासकार ओ. पी. जायसवाल ने कहा कि यदि भाजपा-आरएसएस की भावी रणनीति को समझना है तो ‘बंच ऑफ थॉट्स’ पढ़नी चाहिए। उन्होंने आरएसएस को हिटलर के रास्ते पर चलने वाला संगठन बताया और कहा कि देश इनके हाथों में सुरक्षित नहीं है।
कार्यक्रम का संचालन जेएनयूएसयू के पूर्व महासचिव और वर्तमान विधायक का. संदीप सौरभ ने किया। अतिथियों का स्वागत एआईपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा ने किया।
पदाधिकारियों का किया गया सम्मान
माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने अध्यक्ष नीतीश कुमार को, एमएलसी शशि यादव ने महासचिव मुन्तेहा फातिमा को, शकील अहमद खान ने निवर्तमान अध्यक्ष धनंजय को, प्रीति कुमारी ने उपाध्यक्ष मनीषा को और प्रणव चौधरी ने पटना विश्वविद्यालय की काउंसलर अदिति यादव को सम्मानित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-युवा, शिक्षक तथा पटना के नागरिक समाज के लोग उपस्थित थे।
(प्रेस विज्ञप्ति)