बीएचयू: मनुस्मृति की महज आलोचना पर 13 छात्र गिरफ्तार, 3 छात्राओं समेत सभी भेजे गए जेल

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लखनऊ/वाराणसी। मनुस्मृति दहन दिवस के मौके पर भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा की ओर से बीएचयू के आर्ट्स फैकल्टी में आयोजित एक चर्चा में भाग लेने वाले 13 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसमें तीन छात्राएं भी हैं।

आपको बता दें कि बाबासाहेब अंबेडकर ने इसी दिन यानि 25 दिसंबर, 1927 को मनुस्मृति जलाई थी। इस मौके पर भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के छात्र चर्चा करने के लिए जुटे हुए थे। संगठन के एक पदाधिकारी ने बताया कि चर्चा के दौरान BHU प्रॉक्टोरियल बोर्ड के गार्ड्स आकर छात्रों से बदतमीजी करने लगे और उन्हें पहले घसीटा गया और फिर ले जाकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड ऑफिस में शाम 7:30 बजे के आसपास बंद कर दिया गया। 

बताया जा रहा है कि इस दौरान छात्रों को चोटें भी आई हैं, उनके कपड़े फाड़ दिए गए और चश्मे तोड़ दिए गए। जो भी छात्र उनकी मदद के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर पहुंचे धक्का-मुक्की और मारपीट करने के बाद उन्हें भी डिटेन कर लिया गया। इसके बाद BHU के गार्ड्स और वाराणसी पुलिस, दोनों ने मिलकर स्टूडेंट्स को तरह-तरह की धमकी दी। जिसमें भविष्य खराब कर देने और देख लेने की धमकी भी शामिल थी। 

बाद में डिटेन किए गए छात्रों को जबर्दस्ती पुलिस वैन में भरकर और उनके साथ मारपीट करते हुए थाने ले जाया गया। गिरफ्तार किए गए छात्रों में 3 लड़कियां भी शामिल थीं। छात्रों ने पुलिस की इस करवाई को गैरकानूनी और आपत्तिजनक बताया है। उनका कहना है कि शाम के बाद लड़कियों को पुलिस द्वारा डिटेन करना कानून का उल्लंघन और शक्ति का दुरुपयोग है। लंका थाने की पुलिस द्वारा लगातार यही कहा जा रहा कि ‘मामला ऊपर से डील हो रहा’ यानि इस मामले में खुले रूप में भाजपा आरएसएस-एबीवीपी जैसे मनुवादी-फासीवादी लोग शामिल हैं। 

संगठन के नेताओं ने बताया कि डिटेन किए गए सभी 13 छात्रों को पुलिस ने जेल भेज दिया। गिरफ्तार किए गए छात्रों में मुकेश कुमार, संदीप जायसवाल, अमर शर्मा, अरविंद पाल, अनुपम कुमार, लक्ष्मण कुमार, अविनाश, अरविंद, शुभम कुमार, आदर्श, इप्सिता अग्रवाल, सिद्दी तिवारी और कात्यायनी बी रेड्डी के नाम शामिल हैं।

इन सभी छात्रों के ऊपर भारतीय न्याय संहिता की 132/121(2)/196(1)/299/190/191(2)/115(2)/110 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिनमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। संगठन ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश सरकार का डर है जो छात्रों के इस दमन के रूप में सामने आया है।

भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा फासिस्ट राज्य की मनुवादी पुलिस द्वारा की गई गैरकानूनी कार्रवाई पर कड़ा रोष जाहिर किया है। साथ ही उसने तमाम प्रगतिशील ताकतों को इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। 

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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