Wednesday, April 24, 2024

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मुश्किल तो अपने समय के भगत सिंह के साथ खड़ा होना है: संदर्भ छत्तीसगढ़ में मारे गए 29 आदिवासी या गैर-आदिवासी

पहली बात कि भगत सिंह का मानना था कि ब्रिटिश साम्राज्य भारत के बहुसंख्यक लोगों के हितों के खिलाफ है। ध्यान रहे बहुसंख्यक न कि सभी। भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटिश साम्राज्य से लाभान्वित हो रहा था, उसके...

शहादत दिवस पर विशेष: भगत सिंह के दर्शन को समझने की जरूरत

भगत सिंह को शहीद, महान शहीद और शहीदे आजम का ताज पहना कर हमने भगत सिंह की मौलिकता, उनके चिंतन और दर्शन को मृत मान लिया है। क्योंकि शहीद में कोई नवीनता नहीं होती। वह एक आदर्श के लिए...

पुण्यतिथि पर विशेष: भगत सिंह के दिल में बसते थे करतार सिंह सराभा

'फांसी पर ही तो चढ़ा दोगे और क्या? हम इससे नहीं डरते!' उक्त बयान भारत मां के उस सपूत के हैं, जो मात्र 19 वर्ष 5 महीने और 22 दिन की अल्पायु में अपने अन्य छः साथियों क्रमशः सुरैण सिंह,...

कर्नाटक की एक कोर्ट ने भगत सिंह की किताब रखने के देशद्रोह के आरोप से एक पत्रकार और उसके आदिवासी पिता को किया बरी

आप यदि आदिवासी हैं और शहीद भगत सिंह की किताब रखते हैं, पढ़ते हैं तो आप नक्सली जरूर होंगे। यह मानसिकता हमारे देश के पुलिस बलों की है, चाहे कोई भी राज्य क्यों हो। नक्सलियों से संबंध रखने के...

देश की सत्ता और भारतीय जनता के बीच भगत सिंह की लाश!

सुप्रसिद्ध लेखक पत्रकार खुशवंत सिंह की पुस्तक 'दिल्ली' का हिंदी अनुवाद करते हुए ऊषा महाजन ने (दिल्ली की असलियत) में लिखा है, “ज्ञातव्य है कि खुशवंत सिंह के दादा सुजान सिंह और पिता सोभा सिंह नई दिल्ली को बनाने...

…हां भगत सिंह ये तुमसे सीखने का वक्त ही तो है

पाखण्ड का हमारे जीवन में कोई स्थान नहीं है। हमने अपने देश की परिस्थिति और इतिहास का गहरा अध्ययन किया है। यहां की जन आंकाक्षाओं को हम खूब समझते हैं।’ -भगतसिंह भगतसिंह को अपने समय ने गढ़ा था। मुल्क में...

लाहौर जेल में भगत सिंह की नेहरू से मुलाकात

हम एक बेशुमार गढ़े जा रहे झूठ और गोएबेलिज़्म के दौर से गुजर रहे हैं। इस दौर में इतिहास की नयी नयी व्याख्या की जा रही है, या कहें, नयी नयी व्याख्यायें गढ़ी जा रही हैं। चाहे प्राचीन भारतीय...

जन्मदिन पर विशेष: मौजूदा क्रूर व्यवस्था भी मांग रही है भगत सिंह जैसी कुर्बानी

आज से 90 साल पूर्व शहीद-ए-आजम स्वर्गीय भगत सिंह की कही बातें आज मोदीराज में बिल्कुल सत्य साबित हो रही हैं 'चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ, चाह नहीं, प्रेमी माला में विंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं सम्राटों के शव...

जन्मदिन पर विशेष: भगत सिंह चाहते थे सर्वहारा की सत्ता

भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश पर कुर्बान होने वाले एक जज़बाती हीरो और उनके बलिदान को याद करके उनके आगे विनत होते हैं। वे...

बुधु भगत के स्मारक स्थल पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने के विरोध में झारखंड में चक्का जाम

25 सितंबर 2021 को सिलागाई स्थित वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने के विरोध में झारखंड के विभिन्न जिलों के आदिवासी संगठनों द्वारा चक्का जाम किया गया। आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...