देश की 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के लिए विगत 5 सितंबर को हुए उपचुनाव में केरल की पुथुप्पली सीट कांग्रेस, बंगाल की धुपगुड़ी सीट पर तृणमूल कांग्रेस, उत्तर प्रदेश की घोसी सीट पर सपा और झारखंड के डुमरी सीट झामुमो ने जीत दर्ज की। वहीं त्रिपुरा की धनपुर और बॉक्सानगर सीट और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट बीजेपी के खाते में गई।
यूपी की घोसी सीट से इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दारा सिंह चौहान को 42,672 वोटों से हराया। जुलाई में दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी को गले लगाया था। इसके बाद से घोसी सीट खाली थी।
उत्तराखंड की बागेश्वर सीट से बीजेपी की पार्वती दास ने जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के बसंत कुमार को हराया है। बीजेपी ने विधायक चंदन राम दास के निधन के बाद उनकी पत्नी पार्वती दास को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया था।
त्रिपुरा की बॉक्सानगर और धनपुर विधानसभा की दोनों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। धनपुर से बीजेपी प्रत्याशी बिंदु देबनाथ ने सीपीआई (एम) प्रत्याशी कौशिक चंदा को 18 हजार 871 वोटों से हरा दिया। वहीं बॉक्सानगर सीट से भाजपा के तफज्जल हुसैन ने सीपीआई (एम) के मिजान हुसैन को 30 हजार 237 वोटों से हराया। बॉक्सानगर में सीपीआई (एम) विधायक समसुल हक के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए थे। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक के विधायक पद से इस्तीफे के बाद से धनपुर सीट खाली हुई थी।
केरल की पुथुप्पली सीट से कांग्रेस के चांडी ओमान ने सीपीआई (एम) के जैक सी थॉमस को 37 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। कांग्रेस ने इस सीट पर ओमान चांडी के बेटे चांडी ओमान को मैदान में उतारा था। जबकि बीजेपी की तरफ से सीनियर नेता लिजिन लाल चुनावी मैदान में थे।
पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की है। टीएमसी प्रत्याशी निर्मल चंद्र रॉय और बीजेपी की तापसी रॉय के बीच काउटिंग शुरू होने से खत्म होने तक कांटे की टक्कर थी। टीएमसी ने करीब चार हजार वोटों से बीजेपी को मात दी है। जबकि इस सीट पर आईएनडीआईए गठबंधन के सदस्य कांग्रेस और टीएमसी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान थे। कांग्रेस ने सीपीआई (एम) के उम्मीदवार ईश्वर चंद्र रॉय को समर्थन दिया था।
झारखंड की डुमरी सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की बेबी देवी ने जीत दर्ज की है। इंडिया गठबंधन समर्थित झामुमो की प्रत्याशी बेबी देवी और एनडीए समर्थित आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को हार झेलनी पड़ी। बेबी देवी की जीत ने जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महागठबंधन की प्रतिष्ठा बचाई वहीं इस जीत के साथ बेबी देवी का मंत्रालय बच गया, वे उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री के अपने पद पर बनी रह सकेंगी।
बता दें कि इस चुनावी मैदान में छह उम्मदीवार मैदान में थे। परन्तु मुख्य मुकाबला झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी व आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी के बीच रहा। जहां इस चुनाव में झामुमो की बेबी देवी को 1,00231 मत मिले वहीं आजसू की यशोदा देवी को 83,075 मत हासिल हुए। इस तरह से बेबी देवी ने यशोदा देवी को 17,156 मतों के अंतर से शिकस्त दी। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के अब्दुल मोबिन रिज़वी को मात्र 3471 मत पर संतोष करना पड़ा। जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में रिजवी को कुल 24,132 मत मिले थे।
इस आंकड़े को देखा जाए तो अगर अब्दुल मोबिन रिज़वी 2019 की स्थिति में होते तो निश्चित रूप से बेबी देवी की हार होती। लेकिन इस बार क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं ने रिजवी को एनडीए का बोरो प्लेयर मानकर चला और उसने महागठबंधन की ओर रूख रखा।
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था। भाजपा उम्मीदवार प्रदीप साहू को कुल 36,013 वोट मिले थे, वहीं आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी कुल वोट 36,840 लाकर दूसरे नंबर पर थीं। जबकि 2019 में जगरनाथ महतो 71,128 वोट लाकर लगातार चौथी बार विधायक बने थे।
उपचुनाव की इस जीत के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डुमरी विधानसभा की जनता और गठबंधन के समस्त नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि डुमरी की यह प्रचंड जीत 2024 का आगाज है। जनता ने ठान लिया है कि झारखंड में सिर्फ जनतंत्र चलेगा, धनतंत्र नहीं। यहां सिर्फ और सिर्फ झारखंडियों की सरकार चलेगी। भाजपा और आजसू के छल और अहंकार का अब झारखंड से सूपड़ा साफ होना तय है। स्वर्गीय टाइगर जगरनाथ दा के सपनों और अधूरे कार्यों को पूरा करने का काम झारखंड सरकार करेगी। हमने झारखंड बनाया है, हम ही संवारेंगे।
वहीं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और एनडीए गठबंधन के सुदेश महतो ने कहा कि डुमरी उपचुनाव में यशोदा देवी को मिले मतों ने पार्टी का हौसला बढ़ाया है। आजसू पार्टी ने विकास, झारखंडी विचार और जनभावना को केंद्र में रखकर पूरी मेहनत और लगन से यह उपचुनाव लड़ा। उपचुनाव में प्रचार के दौरान हमने 70 पंचायतों में जाकर लोगों से सीधा संवाद किया। पार्टी इस जुड़ाव और संबंध को और भी मजबूती देने का काम करेगी। उन्होंने बेबी देवी को जीत की बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है कि वे डुमरी की जनता की उम्मीदों के अनुरूप क्षेत्र के विकास कार्यों को प्राथमिकता देंगी।
वही पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को यशोदा देवी की हार से करारा झटका लगा है। प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद डुमरी विधानसभा उपचुनाव में उनकी पहली अग्निपरीक्षा थी, जिसमें वे सफल नहीं हो सके। मरांडी फिलहाल पार्टी की संकल्प यात्रा पर हैं। उन्होंने इस दौरान भी समय निकालकर डुमरी विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान में हिस्सा लिया था।
जामताड़ा विधायक डा. इरफान अंसारी ने कहा है कि हैदराबाद के असदुद्दीन औवैसी झारखंड में नहीं चलेंगे। डुमरी विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि राज्य में झूठ, प्रपंच और भ्रम का सहारा लेकर राजनीति करने वालों के झांसे में जनता नहीं आने वाली है। इरफान ने कहा कि डुमरी में जनता के जनादेश से स्पष्ट है कि अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा-आजसू गठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
रामगढ़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक व पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने डुमरी विधानसभा के उपचुनाव में इंडिया गठबंधन जीत पर डुमरी विधानसभा के जनता को बधाई दी है। नेताओं ने कहा कि देश के अंदर इंडिया गठबंधन पर लोगों की विश्वास बढ़ा है।
उपचुनाव में बेबी देवी की जीत को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि आज की जीत 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम का संकेत दे गई है।
विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि यह डुमरी की जनता की जीत है। नया 9 दिन, पुराना 100 दिन, को जनता ने चरितार्थ किया। जनता ने लुभावने वादे को नकार दिया है। जनता ने स्व. शिक्षा मंत्री जगरनाथ के काम, सीएम हेमंत सरकार के काम और नेतृत्व का साथ दिया है।
दूसरी तरफ झामुमो के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजधानी रांची में पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस जीत को डुमरी विधानसभा क्षेत्र की जनता का जीत बताया। क्षेत्र की जनता को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र की आस्था है। उन्होंने कहा कि यह जीत इंडिया गठबंधन के नेता व कार्यकर्ताओं की मेहनत और क्षेत्र की जनता का मिला अपार समर्थन का परिणाम है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके द्वारा दिये गए प्रलोभनों का कोई असर क्षेत्र के मतदाताओं पर नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि बीजेपी इस देश में अराजकता, बेरोजगारी, महंगाई, सांप्रदायिक के साथ जो राजनीति करना चाहती है उसे देश ने नकारा है। कहा कि हमने नारा दिया था जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया। मैं आज भारतीय जनता पार्टी को खुली चुनौती देता हूं कि अगर उनमें राजनीतिक माद्दा है, तो इसी साल लोकसभा चुनाव करवा लें। मैं पूर्ण विश्वास के साथ कहता हूं कि जो राज्य में उनके पास आज जो 12 सीटें हैं वे भी नहीं रहेगी और 10 में तो जमानत जब्त करवाएंगे।
झारखंड के डुमरी विधानसभा उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत के बाद इस सीट पर झामुमो का परचम लगातार पांचवीं बार लहराया। पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से खाली हुई सीट पर इंडिया गठबंधन ने उनकी पत्नी बेबी देवी को प्रत्याशी बनाया।
(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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