नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर एक आदिवासी परिवार पर कहर बरपा है। नक्सल मोर्चे में तैनात पुलिस जवानों पर आरोप है कि उन्होंने ग्राम पटेल के 7 सदस्यीय परिवार की बेरहमी से पिटाई की है। इतना ही नहीं इसमें जवानों ने परिवार के बच्चों और महिलाओं तक को नहीं बख्शा। जिसका नतीजा यह है कि सभी सदस्यों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। हालांकि नारायणपुर एसडीओपी लोकेश बंसल ने इस घटना से इंकार किया है उनका कहना था कि पूछताछ के लिए कुछ लोगों को उठाया जरूर गया है।

रावघाट संघर्ष समिति से जुड़े नरसिंह मंडावी ने बताया कि रावघाट लोहा माइंस क्षेत्र में पुलिस के जवान ने सोमनाथ दुग्गा अंजरेल निवासी जो पेशे से ग्राम पटेल हैं, के निवास स्थान पर मंगलवार को पुलिस आधी रात जबरदस्ती घुसी और सदस्यों के साथ मार-पीट करने लगी। सदस्यों की बेरहमी से पिटाई करने के बाद रात में पुलिस सोमनाथ दुग्गा को उठा कर ले गई। नरसिंह ने बताया कि आस-पास के ग्रामीणों को पता चलने के बाद आज सुबह 11 बजे के आस-पास किसी ने सोमनाथ को बाइक से गांव में लाकर छोड़ दिया। सोमनाथ के साथ सैकड़ों ग्रामीण नारायणपुर के भरांडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए। जबकि इधर बताया जा रहा है कि सोमनाथ बेहोश हो गए हैं और उन्हें जिला अस्पातल में भर्ती कराना पड़ा है।

पूरे घटना से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष है और वे सड़क जाम कर दोषी पुलिस वालो पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण लखन नुरेटी ने बताया कि पुलिस लगातार क्षेत्र के ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रही है। ऐसा कभी फर्जी मुठभेड़ तो कभी उनको पीटने के जरिये अंजाम दिया जाता है।
दोषी पुलिस वालों पर मामला दर्ज करने की मांग
गुस्साए ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए भरंडा थाने के सामने के मेन रोड को जाम कर दिया है। हालांकि एसपी ने सारे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर सोमनाथ दुग्गा के और उसके परिवार को पुलिस ने नहीं मारा तो किसने मारा? ख़बर लिखे जाने तक सैकड़ों ग्रामीण थाने के सामने डटे हुए थे।

पुलिस ने हर बार की तरह नक्सल कनेक्शन जोड़ा
वहीं इस मामले में नारायणपुर एसडीओपी लोकेश बंसल ने बताया कि उक्त ग्रामीणों की नक्सलियों के साथ मीटिंग की जानकारी मिली थी। जिसकी वजह से हमारे जवान पूछताछ के लिए उसे थाने लेकर आए थे। उनका कहना था कि जवानों के द्वारा किसी के साथ मारपीट नहीं किया गया है।
(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)
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