मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली ‘नीट’ की परीक्षा के विवाद में फंसी केंद्र सरकार के लिए अब एक और जोर से झटका लगा है। एक दिन पहले ही हुई यूजीसी नेट की परीक्षा को रद्द करना पड़ा है। यूजीसी नेट एग्जाम कैंसिल कर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर ये जानकारी दी गई है। एजुकेशन मिनिस्ट्री ने कहा कि 18 जून 2024 को हुई नेट की परीक्षा की पवित्रता के साथ समझौता हुआ है। भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) द्वारा दिए गए इनपुट के तहत ये फैसला लिया गया है। नीट की तरह ही UGC NET Exam का आयोजन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कराती है। अब दोबारा यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। जिसके लिए अलग से तारीख की घोषणा की जाएगी। प्रथम दृष्टया गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के तहत काम करने वाली स्वायत्त एजेंसी एनटीए ने मंगलवार को हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया।
मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा (नीट) रिजल्ट का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा को भी रद्द करने का एलान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाएगी। सरकार के मुताबिक परीक्षा में गड़बड़ी के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा 18 जून, 2024 को देश के विभिन्न शहरों में दो चरणों में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में आयोजित की थी। 19 जून यानी आज यूजीसी को परीक्षा के लिए गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से कुछ इनपुट मिले। इन जानकारियों से प्रथम दृष्टया संकेत मिला कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया होगा।
बयान में कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने फैसला लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द की जाए। एक नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाएगी। जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी। इसके साथ ही मामले की गहन जांच के लिए मामलों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कई तीखे सवाल किए। अदालत ने कहा कि अगर नीट परीक्षा में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हुई है तो उससे निपटा जाना चाहिए।
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। मेडिकल की इस परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं की मेहनत पर बात करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस याचिका को विरोधात्मक भाव से नहीं देखा जाना चाहिए।
नीट अंडरग्रेजुएट परीक्षा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकारी टेस्टिंग एजेंसी एनटीए को चेतावनी दी है और कहा है कि एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराने में जरा भी गलती हुई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए। इसमें सुधार की जरूरत है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस भट्टी की बेंच ने सुनवाई के दौरान माना कि नीट एग्जाम में कुछ गड़बड़ी हुई है। उन्होंने केंद्र और NTA को फटकार लगाते हुए कहा कि लाखों बच्चों ने बहुत मेहनत की है, जिसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा कि वे याचिकाओं को प्रतिकूल मुकदमे के तौर पर ना लें। कहा, ‘अगर किसी की ओर से 0.001% लापरवाही भी हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट ने NTA को कहा है कि 8 जुलाई को तैयार होकर आएं।
इससे जुड़ी पिछली याचिकाओं पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय हुई है। इस परीक्षा मामले में नई याचिकाएं भी दायर की गई हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीएको नोटिस जारी किया है। इन पर 2 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है।
यूजीसी-नेट 18 जून को देश भर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था। परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए। हालांकि, एनटीए ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को कुछ सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। ये इनपुट भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से प्राप्त हुए थे। यह गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
यूजीसी-नेट भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर और/या जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पद के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
नीट-यूजी परीक्षा के बारे में एनटीए ने कहा, ‘ग्रेस मार्क्स से संबंधित मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। इसमें कहा गया है, ‘सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र शामिल हैं। इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया है। आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक प्राप्त की है। नीट-यूजी परीक्षा एनटीए द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं)
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