विनेश ने कहा- कुश्ती को अलविदा!

नई दिल्ली। विनेश ने गुरुवार को कुश्ती को अलविदा कह दिया। इसके साथ ही उनके ओलंपिक मेडल के सपनों का अंत हो गया। सन्यास लेने की घोषणा के साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास आगे बढ़ने की और ताकत नहीं है।

29 वर्षीय विनेश को 50 किग्रा भार वाली श्रेणी में उनका वजन100 ग्राम ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिसके साथ ही जीते गए सिल्वर मेडल से भी उनको वंचित कर दिया गया। विनेश ने सन्यास की यह घोषणा सोशल मीडिया पर की। उन्होंने माफी मांगने के साथ ही दिए गए समर्थन के लिए लोगों को धन्यवाद दिया।

अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा कि “मां, कुश्ती जीत गयी, मैं हार गयी। कृपया मुझे माफ कर दो, तुम्हारा सपना और मेरा आत्मविश्वास, सब कुछ टूट गया।”

दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता ने आगे लिखा कि अब मेरे पास और ताकत नहीं है। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सब की ऋणी रहूंगी। मुझे माफ करना।

चौंकाने वाला यह फैसला विनेश के अपने अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में की गयी अपील के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल देने की मांग की है।

सीएएस की एडहॉक डिवीजन अगले कुछ घंटों में उनकी अपील पर विचार करेगी।

इस बीच उन्होंने अपना अच्छा खासा समय गेम्स विलेज में स्थित पॉलीक्लिनिक में बिताया जहां उनके डिहाइड्रेशन का इलाज चल रहा था। जो वजन को कम करने के लिए उनके और टीम द्वारा अपनाए गए अवांछित तरीकों के चलते पैदा हुआ था। इसमें भूखा रहने से लेकर पानी नहीं लेना और पूरी रात उसे पसीने के रास्ते बाहर करने के तमाम उपाय शामिल थे।

क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुजमा लोपेज जो सेमिफाइनल में विनेश से हार गयी थीं, को फाइनल में अमेरिकी पहलवान साराह अन हिल्डब्रांडिट के खिलाफ अखाड़े में उतरने के लिए प्रतिस्थापित किया गया था। हिल्ब्रांडिट ने गोल्ड जीता। और अब विनेश लोपेज के साथ साझा सिल्वर हासिल करने के लिए सीएएस के फैसले की इंतजारी कर रही हैं।

इस बीच खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित करने वाली संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यू डब्ल्यू डब्ल्यू) ने अपने स्तर पर इस बात को साफ कर दिया है कि वजन को नापने का मौजूदा नियम अभी नहीं बदला जा सकता है।

अपनी श्रेणी में पहली भारतीय महिला खिलाड़ी जो गोल्ड मेडल तक पहुंची, होने का गौरव हासिल कर विनेश ने इतिहास रच दिया है। अयोग्य घोषित होने से पहले उसे सिल्वर मेडल मिलना निश्चित हो गया था।

विनेश तीन बार की ओलंपियन हैं और उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड जीता था।

पिछले एक साल से वह भारतीय कुश्ती फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के विरोध का सामना कर रही हैं। बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

विनेश जो हमेशा से 53 किग्रा श्रेणी में भागीदारी करती थी, को एक महीना पहले 50 किग्रा श्रेणी में आने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि उस डिवीजन में पेरिस कोटा अंतिम पंघाल के आने के बाद पूरा हो गया था।

पंघाल शुरुआती राउंड में ही हार गयीं। और अब अपनी बहन निशा को अपनी पहचान पत्र के साथ गेम्स विलेज में भेजने की कोशिश के आरोप में वापस डिपोर्टेशन का सामना कर रही हैं।

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि विनेश तुम हारी नहीं हो बल्कि तुम्हें हराया गया है। हमारे लिए तुम हमेशा एक विजेता रहोगी और भारत की बेटी होने के साथ ही तुम भारत की मान हो।

महिला के तौर पर पहला ओलंपिक मेडल जीतने वाली साक्षी मलिक ने कहा कि जो कुछ विनेश के साथ घटित हुआ यह हमारे देश की हर बेटी की हार है।

साक्षी ने एक्स पर लिखा कि विनेश तुम अकेली नहीं हो जो हारा है। यह हमारे देश के हर बेटी की हार है जिसके लिए तुम लड़ी हो।

यह पूरे देश की हार है। देश तुम्हारे साथ है। एक एथलीट के तौर पर मैं तुम्हारे संघर्ष और जज्बे को सलाम करती हूं।

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच महावीर फोगाट ने कहा कि मौके की नजाकत को देखते हुए शायद उसने यह फैसला ले लिया हो। लेकिन उसके करीबी लोग ज़रूर उसे 2028 के लांस एंजलिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

महावीर ने कहा कि यह सही है कि लोग हौसला खो देते हैं। जब वह आएगी तो हम सब बैठेंगे और बात करेंगे। हम एक फैसला लेंगे और उसे लोगों को बताएंगे। जल्दबाजी में लोग इस तरह का फैसला ले लेते हैं। लेकिन कुछ समय बाद हम इस पर फैसला करेंगे।

हम उसे 2028 का ओलंपिक खेलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मैं पुरस्कार घोषित करने के लिए हरियाणा सरकार का धन्यवाद करता हूं। जब तक मैं सक्रिय हूं, मैं एथलीटों को सहायता करता रहूंगा।

2010 की कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट गीता फोगाट ने कहा कि विनेश जिस तरह से रिटायर हुई है वह देखना बेहद दुखद है।

उन्होंने एक्स पर लिखा कि बहन विनेश आपने जो देश के लिए किया है उसके लिए हम हमेशा आपके ऋणी रहेंगे।आपके संघर्ष और हौसले को सदियों तक याद रखा जाएगा।

आप सभी लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं। आपका कुश्ती को अलविदा कहना परिवार और पूरे देश के लिए बहुत दुखदायी है।   

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