नई दिल्ली। वाशिंगटन पोस्ट ने भारत सरकार पर अपना हमला और तीखा कर दिया है। उसने अलग से लिखे गए संपादकीय में खालिस्तानी एक्टिविस्ट गुरपतवंत सिंह पन्नुन की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाने के साथ ही पूरी योजना की गहराई और ईमानदारी से जांच करने की मांग की है। न्यूज़पेपर के संपादकीय बोर्ड ने कहा कि भारत को इस भय पैदा करने वाले सुपारी हत्या केस की गहराई से जांच करनी चाहिए।
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और उसके पूर्व मुखिया सामंत गोयल पर हत्या के प्लाट में शामिल होने के मसले पर विस्तार से स्टोरी करने के एक दिन बाद एक बेहद मारक पीस में पोस्ट ने कहा कि अमेरिका को भी यह बात बिल्कुल साफ कर देनी चाहिए कि ‘यह देश अपनी जमीन पर इस तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगा’।
पेपर ने आगे कहा कि अमेरिकी सरकारी एजेंटों द्वारा नाकाम कर दिए गए हत्या की साजिश की जांच के लिए खासकर भारत आगे नहीं आ रहा है। एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल कुछ सप्ताह पहले जांच में अपडेट जानने के लिए नई दिल्ली की यात्रा पर गया था लेकिन सार्थक प्रगति के बहुत छोटे प्रमाण के साथ वह अमेरिका लौटा।
पोस्ट ने कहा कि हत्या का प्लॉट एक पूरी और ईमानदारी भरी जांच की मांग कर रहा है जिसे होना अभी बाकी है। “ऐसा लगता है कि जिन्होंने षड्यंत्र को अंजाम दिया वो भारत सरकार में उच्च स्तर पर काम करते रहे हैं।”
पोस्ट ने फ्रीडम हाउस, जो लोकतंत्र के स्तर और दुनिया में प्रेस की स्वतंत्रता को नापने का काम करता है, को कोट करते हुए भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया है जो पराराष्ट्रीय उत्पीड़न को अंजाम देने का प्रयास करते रहे हैं। इस सूची में ढेर सारी तानाशाह या फिर अर्ध तानाशाह सरकारों वाले देश हैं जिसमें रूस, चीन, तुर्की, ईरान, बेलारूस, रवांडा और मिस्र शामिल हैं।
पेपर ने कहा कि पराराष्ट्र उत्पीड़न वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है। और यह सरकारें बेहिसाब तरीके से आलोचकों, एक्टिविस्टों, विक्षुब्धों और पत्रकारों को अपनी सीमाओं से दूर दंडित करने, उनका अपहरण करने या फिर उनकी हत्या करने का प्रयास कर रही हैं। और यह सब कुछ दूसरे देशों के कानूनों और नियमों का उल्लंघन करते हुए किया जा रहा है।
पोस्ट में सिख अलगाववादी एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की वैंकुवर के पास की गयी हत्या का भी जिक्र किया गया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दिल्ली के साथ अपने रिश्तों को बिल्कुल ठंडे बस्ते में डाल दिया जब उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या में भारत के हाथ का कनाडा के पास पुख्ता प्रमाण है।
पोस्ट ने इस बात को चिन्हित किया है कि अमेरिकी प्लान में कथित भारतीय साजिशकर्ता गुरुद्वारा पार्किंग में निज्जर की गोली मार कर हत्या किए जाने के दो दिन बाद लिखता है कि पन्नुन की हत्या अब एक प्राथमिकता बन गयी है। पोस्ट ने कहा कि कथित षड्यंत्र उस समय आकार ले रहा था जब पीएम मोदी का राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा ह्वाइट हाउस में पूरे तामझाम के साथ स्वागत हो रहा था।
न्यूजपेपर ने इस बात को चिन्हित किया कि अमेरिका इस दिशा में बहुत धीमी गति से चल रहा है क्योंकि तेजी से बढ़ते चीन का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ उसे लंबी दूरी का रिश्ता बनाना उसकी रणनीतिक हितों का हिस्सा है।
और यह बात अब किसी से छुपी नहीं है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर चीन को अपना प्रतिद्वंद्वी मानता है। भारत सरकार ने कहा है कि पन्नुन के मामले की वह अभी भी जांच कर रहा है लेकिन इसके साथ ही उसने आगे कहा कि लक्ष्य बनाकर किसी की हत्या करना उसकी नीति का हिस्सा नहीं है।
पोस्ट ने कहा कि अमेरिका ने भारत के मामले पर बेहद नरमी के साथ पेश आया है लेकिन वह ऐसा हिंट देता हुआ दिखता है कि यह उसी तरह से नहीं रहेगा। उसने संकेत दिया कि सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शायद और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उसने इस बात को चिन्हित किया कि प्रशासन ने बेदखली, प्रतिबंध या फिर दूसरे दंड नहीं लगाए हैं।
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