मेरठ: नौकरी से निकालने की धमकी देकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मोदी की रैली में आने के लिये किया जा रहा बाध्य

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में महिलाओं को लाने के लिए कहीं पैसे और कंबल का लालच दिया जा रहा है तो कहीं नौकरी से निकालने की धमकी। 
बता दें कि 2 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी मेरठ के सरधना में रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली में महिलाओं को लाने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी की रैली में भीड़ जुटाने का अफ़सरों पर इतना प्रेशर है कि वो महिलाओं को नौकरी से निकालने की धमकी देकर रैली में आने के लिये विवश कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली महिलाओं ने आरोप लगाया है कि अफ़सरों ने धमकी दी है कि अगर मोदी की रैली में नहीं पहुंची तो नौकरी से निकाल देंगे।सरकार और प्रशासन की तानाशाही फ़रमान के विरोध में सैकड़ों महिलायें कल मवाना तहसील के तोफापुर गांव से कमिश्नरी चौराहा प्रदर्शन करने के लिए पहुंचीं थीं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक ADO की धमकी से परेशान महिलाओं ने गुरुवार को कमिश्नरी चौराहे पर प्रदर्शन करके विरोध जताया। उन्होंने कहा कि एक तो पहले से 1 साल से वेतन नहीं मिलने से वह परेशान हैं। उस पर अफ़सर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि वह क्या करें? प्रदर्शन करने वाली 100 से ज्यादा महिलाएं श्री परमहंस सुरति शब्द योग चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ी हुई हैं। 
पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि अफ़सरों ने प्रयागराज में 21 दिसंबर की मोदी की रैली में ले जाने का भी दबाव बनाया था। अब मेरठ सलावा में 2 जनवरी की रैली के लिए भी यही बोल रहे हैं। महिलाओं ने कहा अफसर हमें बुलाते हैं काम कराते हैं। मगर, वेतन नहीं मिलता। गौरतलब है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM)  द्वारा मेरठ में पोषाहार वितरण करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को 22,000 रुपए का वेतन तय है। लेकिन, पिछले एक साल से उन्हें वेतन नहीं दिया गया।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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