मानसा। मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब और सीपीआई एमएल लिबरेशन की मानसा जिला इकाई ने श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष को तेज करने के वादे के साथ स्थानीय रेलवे गोदाम में हजारों महिलाओं और श्रमिकों की भागीदारी के साथ एक विशाल ललकार रैली का आयोजन किया। रैली के बाद डिप्टी कमिश्नर दफ्तर मानसा में जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के साथ 1000 रुपये प्रतिमाह देने के वायदे की मांग पर हजारों महिलाओं के व्यक्तिगत आवेदनों को जमा किया गया।
इस मजदूर ललकार रैली को संबोधित करते हुए मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष गोबिंद सिंह छाजली, प्रदेश सचिव गुरप्रीत सिंह रुडेके और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार भीखी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के झूठे वायदे की तरह पंजाब की आम आदमी पार्टी भी चुनाव के दौरान हर महिला के खाते में हर महीने 1000 रुपये डालने की गारंटी भी चुनावी जुमला साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि यहीं नहीं पंजाब की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान के सुरक्षा न लेने और बाढ़ पीड़ितों को बकरियों-मुर्गियों तक के नुकसान का मुआवजा देने जैसी बातें भी मजाक बनकर रह गई हैं। जबकि हकीकत यह है कि बाढ़ से प्रभावित भूमिहीन मजदूरों के पास फिलहाल सिर पर छत नहीं है और वे तिरपाल पर दिन गुजारने को मजबूर हैं।
रैली को संबोधित करते हुए तीनों वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही ढहे मकान के लिए मजदूरों को पांच लाख, क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत के लिए तीन लाख, प्रति दुधारू पशु के नुकसान पर एक लाख रुपये का मुआवजा सरकार को तत्काल देना चाहिए। नेताओं ने कहा कि यह गारंटी दी जाए कि बेरोजगार श्रमिकों के परिवारों को 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
इसके अलावा रैली में मनरेगा कानून के तहत 200 दिन का काम, 700 रुपये प्रतिदिन मज़दूरी और 6 घंटे काम का दिन, महिला मजदूरों को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के ऋण और आरएसजी फाउंडेशन की धोखाधड़ी की शिकार सैकड़ों लड़कियों को ऋण न्याय के साथ कंपनी के मालिकों की गिरफ्तारी की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई गई।
इस अवसर पर सीपीआई (एमएल) लिबरेशन पंजाब के केंद्रीय प्रभारी पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार का वार्षिक बजट 2 लाख करोड़ रुपये के करीब है। पंजाब में अगर राज्य सरकार महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह दे और काम मांग रहे मजदूरों को सरकार 50 दिन अतिरिक्त मजदूरी देने की गारंटी करे तो राज्य को मात्र 15 हजार करोड़ ही खर्च करना पड़ेगा।

पुरुषोत्तम शर्मा ने राज्य की भगवंत मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर महिलाओं, मजदूरों, गरीबों, किसानों, नौजवानों से किए वायदे लागू नहीं किए तो उसके खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने के राज्यपाल के षडयंत्रों के खिलाफ केंद्र सरकार को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पुरोहित पंजाब का संवैधानिक प्रतिनिधित्व करने के बजाए भाजपा के एजेंट की तरह राज्य सरकार को धमक रहे हैं। उन्होंने देश के संघीय ढांचे पर केंद्र के इस हमले के खिलाफ मिलकर आवाज उठाने का आह्वान किया।
पार्टी केंद्रीय समिति के सदस्य और एंटी-ड्रग एक्शन कमेटी के संयोजक राजविंदर सिंह राणा ने कहा कि पंजाब की सरकार राज्य में नशे के काले कारोबार को रोकने और बाढ़ की रोकथाम करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि नशा विरोधी अभियान शुरू करने वाले परविंदर सिंह झोटे को झूठे मामले में पिछले डेढ़ महीने से जेल में बंद कर दिया गया है और उनकी रिहाई के लिए एक बड़ा सामाजिक आंदोलन खड़ा हो गया है, लेकिन सरकार उन्हें रिहा करने के लिए तैयार नहीं है।
रैली में प्रगतिशील महिला सभा की राष्ट्रीय पार्षद जसबीर कौर नथ ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में बेटियों के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा उनके नेताओं और गिरोहों ने की है। यूपी से लेकर मणिपुर तक इसके सैकड़ों उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि हमें मजबूत आंदोलन बनाकर अपने हितों की रक्षा के लिए लड़ना होगा।
इनके अलावा रैली व सभा में पार्टी की केंद्रीय कंट्रोल कमीशनन के सदस्य नछत्तर सिंह खीवा, पार्टी के राज्य प्रवक्ता सुखदर्शन नत्त, दुग्ध उत्पादक यूनियन के अध्यक्ष सतपाल शर्मा, आरवाईए के राजदीप भी मौजूद थे।
तरसेम सिंह खालसा, बिंदर कौर उदत भगत राम, बलविंदर घरांगना, दर्शन दानेवालिया, गुरसेवक मान, भोला सिंह गुरदी, कृष्णा कौर मानसा, छाजू सिंह दयालपुर, भोला सिंह बहादुरपुर, गगन खरक सिंह वाला, धर्मपाल नीटा, स्वर्ण सिंह जंगियाना, हरमेश सिंह भम्मे, सोहन सिंह उभा, शिंदरपाल कौर घैनवाल, रघबीर सिंह भीखी, मलकीत सिंह समाओं, कुलवंत सिंह छाजली, यादविंदर सिंह भीखी, संदीप कौर समाऊं , बिकर सिंह मोहरसिंह वाला ने भी रैली को संबोधित किया।
विरादराना संगठनों के रूप में, पंजाब किसान यूनियन के नेता हरजिंदर सिंह मनसा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सुखजीत सिंह रामानंदी, रिवोल्यूशनरी यूथ सभा के बिंदर अलख, दुग्ध उत्पादक यूनियन के सचिव संजीव ख्याला ने भी श्रमिकों के अधिकारों के संघर्ष में समर्थन की घोषणा की।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय के एन गेट तक पहुंच गये। वहां हजारों महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम 1000 रुपये प्रति माह बैंक खाते में डालने की मांग को लेकर लिखे गए हजारों आवेदन डीसी मानसा को मुख्यमंत्री भगवंत मान तक पहुंचाने के लिए दिए गए। बड़ी संख्या में आए इन पत्रों और मजदूर मोर्चे द्वारा दिए गए मांग पत्र को डीसी मानसा ने मंच पर पहुंचकर प्राप्त किया और जिला प्रशासन ने इन पत्रों को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री के पास भेजने का आश्वासन दिया।
(विजय कुमार भिखी की रिपोर्ट।)
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