सूखे नाले को नदी का स्रोत बता रहा योगी प्रशासन: लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति

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 लखनऊ।  कुकरैल नदी के स्रोत अस्ती गांव के कुएं का आज लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की टीम ने निरीक्षण किया और यह पाया कि इस कुएं से कोई भी नदी नहीं निकल रही है। मौके की हालत यह है कि यह कुआं सूखा पड़ा हुआ है। इसके इर्द-गिर्द पक्की चार दिवारी है और इस चारदीवारी से नदी निकलने का कोई स्रोत मौके पर मौजूद नहीं है। इसलिए लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि दरअसल कॉरर्पोरेट घरानों की सेवा में लगी और रियल एस्टेट की एजेंट बनी योगी सरकार झूठ को सच और सच को झूठ बनाने में लगी है। 

लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की टीम गांव के लोगों के साथ

इस अवसर पर ग्रामीणों के सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि साबरमती रिवर फ्रंट बनाने वाली गुजरात की कंपनी को कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने का ठेका सरकार द्वारा दिया जा रहा है। 1500 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए योगी सरकार जनता की तबाही करने पर आमादा है।

अकबरनगर को मनमर्जी पूर्ण और गैर कानूनी ढंग से ध्वस्त कर दिया गया। सदन में मुख्यमंत्री खुद प्रदेश की जनता को गुमराह करते हुए कह रहे हैं कि अब कुकरैल नाला नहीं, बल्कि नदी बह रही है। जबकि यह सच्चाई से कोसों दूर है। आज भी कुकरैल नाला ही मौजूद है, जिसमें कई जगह से गंदे छोटे नाले और नालियां गिर रही है।

शहर की गंदगी कुकरैल नाले में गिरते हुए

आज तक उसकी सफाई करने का काम सरकार ने नहीं किया उल्टे इसके डूब क्षेत्र के नाम पर 500 मीटर दूर के अकबरनगर को बुलडोज कर दिया गया।

अबरार नगर, पंतनगर समेत तमाम बस्तियों के बारे में खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल निशान हटा दिए जाएंगे, लेकिन आज तक यह न्यूनतम काम भी नहीं किया गया। इस सरकार की बुलडोज करने वाली नीतियों के खिलाफ सम्मेलन में ग्रामीणों ने फैसला लिया कि वह सरकार का असहयोग करेंगे और किसी भी तरह के काग़जात को प्रशासन को नहीं दिखाएंगे।

लबसंस की टीम के सदस्य ग्रामीणों के संवाद करते हुए

सम्मेलन में सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य मधु गर्ग, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, अकबरनगर के नेता इमरान राजा, किसान सभा के नेता प्रवीन सिंह, एडवा की वंदना राय, ट्रांस गोमती संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम, संयोजक राकेश मणि पांडे, आशुतोष पाठक राजेंद्र मौर्य आदि लोगों ने संबोधित किया।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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  1. 1
    Dr.S.A.Panfey

    There is a cause and effect theory which revolves arround and is affected by one’s past and present deeds.Destiy takes stock of every thing and fate is its reflexion.What one achieves or looses in material terms is all fruits of karmas.Introspection of past journey of life contains answers of all success and failure.

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