उत्तराखंड: किसानों पर आफत की बारिश, बिजली गिरने से 350 बकरियां मरीं

देहरादून। जलवायु परिवर्तन के कारण मार्च के महीने में मौसम का बदलता मिजाज प्रदेश के किसानों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। बे-मौसमी बरसात से राज्य में कृषि क्षेत्र को व्यापक नुकसान हुआ है। छोटे और मझोले किसानों के लिए यह किसी आपदा से कम नहीं है। अतिवृष्टि और बिजली गिरने के कारण उत्तरकाशी जिले में पशुपालकों की साढ़े तीन सौ बकरियां मर चुकी हैं। प्रदेश भर में हुई कृषि और पशु हानि के आंकड़े अभी इकट्ठा ही किए जा रहे हैं।

गेहूं की फसल खेतों में हुई धराशाई

14 अप्रैल बैसाखी का दिन देश में गेहूं की फसल कटने की शुरुआत के तौर पर भी जाना जाता है। कई क्षेत्रों में फसल पहले ही पकने के कारण इससे पहले भी फसल कटती है। उत्तराखंड में भी गेहूं की फसल बैसाखी के आसपास ही कटनी शुरू होती है। प्रदेश के किसान इसी फसल को लेकर कटाई की तैयारियों में जुटे थे।

किसान पहले से ही मजदूरों का इंतजाम करने, गेहूं मण्डी तक पहुंचाने, अगली फसल के लिए बीज, खाद, दवाई का बंदोबस्त करने, पारिवारिक शादी-विवाह का समय निश्चित करने जैसे शेड्यूल बनाने में मशगूल थे। लेकिन मार्च के दूसरे पखवाड़े में बदले मौसम ने काश्तकारों के माथे पर शिकन डाल दिया है। दो दिन की भीषण बरसात और ओलावृष्टि के चलते किसानों की गेहूं की फसल खेत में ही धराशाई हो चुकी है।

पहाड़ से लेकर तराई तक में हुई इस बे-मौसमी बरसात ने किसानों के सभी अरमानों पर पानी फेर दिया है। बड़ी जोत वाले किसानों का नुकसान छोटी और मझोली जोत वाले किसानों की अपेक्षा अधिक हुआ है। लेकिन बड़ी जोत के किसान अपने उच्च संपर्कों के कारण अपनी बरबाद हुई फसल का पूरा मुआवजा वसूलने में सक्षम हैं। बे-मौसमी बरसात की आफत छोटे और मझौले किसानों की मुश्किलों में ही इजाफा कर रही है।

हालांकि सभी जिलों का तहसील प्रशासन खराब हुई फसल और नुकसान का आकलन करने में जुटा है। लेकिन इस आकलन के लिए भी किसानों को पटवारियों और अमीनों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। किसान बलजीत सिंह का कहना है कि तहसील के कर्मचारी ऐसे आपदा के समय मौके पर न जाकर दफ्तर में बैठे-बैठे नुकसान के आकलन की औपचारिकता पूरी कर लेते हैं। जिससे वास्तविक नुकसान सहने वाले किसानों को दोहरा नुकसान होता है।

आम-लीची के काश्तकार भी सहमे हुए हैं

हालिया प्रदेशव्यापी बरसात से राज्य के आम-लीची के बाग स्वामी भी सहमे हुए हैं। बसंत आगमन के बाद से ही आम-लीची के पेड़ बौर से लकदक हो चुके हैं। बरसात ने इन पेड़ों को और निखार दिया है। जिससे इस बार आम-लीची की फसल अच्छी होने की आस जगने लगी है। लेकिन मौसम का जो रुझान अभी चल रहा है, उससे आम-लीची के काश्तकार भी सहमे हुए हैं।

बगीचा स्वामी धीरज सती का कहना है कि बौर के बाद आम और लीची की फसल तैयार होने की प्रक्रिया में है। अभी की बरसात से इस फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन अगले महीने यदि मौसम का ऐसा ही कोई चक्र आया तो निश्चित तौर पर वह आम-लीची की फसल की बरबादी की बड़ी वजह बनेगा।

उत्तरकाशी जिले में सैंकड़ों बकरियां मरीं

उत्तरकाशी जिले के डुंडा विकासखंड के खट्टूखाल गांव के पास मथानाऊ तोक के जंगल में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर 300 से अधिक बकरियां मौत के मुंह में समा गईं। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण रामभगत सिंह, प्रथम सिंह और संजीव सिंह की बकरियां ऋषिकेश के मैदानी क्षेत्रों के जंगल से पहाड़ में आ रही थीं।

शनिवार रात को बकरियां डुंडा के खट्टूखाल के पास मथानाऊ तोक में पहुंची थीं। इसी बीच मौसम बिगड़ने के कारण तेज बरसात होने लगी। रात करीब 9 बजे अचानक हुए मौसम खराब की वजह से आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से करीब 300 बकरी और 50 बकरियों के छोटे बच्चे जलकर खाक हो गए।

ग्रामीणों ने बिजली गिरने और बकरियों की मौत की सूचना जिलाधिकारी और जिला आपदा प्रबंधन विभाग को दे दी है। डुंडा इलाके के तहसीलदार प्रताप ‌सिंह चौहान ने बताया कि आसमान से बिजली गिरने की वजह से बकरियों की मौत की सूचना मिली है। रविवार सुबह प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही क्षति का आकलन और मौत के कारणों का पता चल सकेगा।

29 मार्च से फिर बिगड़ेगा मौसम

सोमवार 27 मार्च से लेकर 28 मार्च तक उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। लेकिन इसके बाद 29 मार्च से एक बार फिर से पर्वतीय जिलों में बारिश का दौर शुरू होगा। देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग जिलों के साथ ही कुमाऊं के पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में कुछ जगहों पर कहीं बहुत हल्की तो कहीं हल्की बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी संभव है।

बाकी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। 30 मार्च को भी उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, बाकी जिलों में बहुत हल्की से हल्की बारिश की संभावना है। इस दिन राज्य के जिलों में कहीं कहीं ओलावृष्टि और बिजली चमकने की संभावनाओं के मद्देनजर मौसम विभाग की ओर से यलो अलर्ट जारी किया गया है।

(उत्तराखंड से सलीम मलिक की रिपोर्ट)

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