Sunday, April 28, 2024

ग्राउंड रिपोर्ट: डेंगू, चिकनगुनिया के बाद अब पूर्वांचल में ‘स्क्रब टाइफस’ की दस्तक, अकेले मिर्जापुर में 22 मरीज

मिर्जापुर। वैश्विक महामारी कोविड से जूझते आए आमजनों को अब नित्य नई बीमारियों से भी जूझना पड़ रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल बुखार से अभी लोगों को राहत मिली भी नहीं थी कि अब ‘स्क्रब टाइफस’ के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अकेले मिर्ज़ापुर जिले में ही ‘स्क्रब टाइफस’ के 22 मरीज अब तक मिले हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। इनमें से चार वाराणसी के बीएचयू में एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 18 मिर्ज़ापुर जिले के ही कछवां स्थित क्रिश्चियन अस्पताल में हुए किट जांच में पॉज़िटिव मिले हैं।

चिकित्सकों के मुताबिक इसका लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया जैसा ही है। बताते चलें कि मिर्ज़ापुर जनपद ही नहीं समूचे राज्य में सितंबर माह से ही डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप चल रहा है। आलम यह है कि कोई भी स्वास्थ्य केंद्र खाली नहीं है। सभी मरीजों से पटे पड़े हैं।

निजी अस्पतालों की चांदी कट रही है, तो जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पतालों में तिल रखने की जगह नहीं है। वहां हजारों मरीजों से बेड पटे पड़े हैं। आलम यह है कि मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए अतरिक्त बेड के इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि मरीजों को सुलभ उपचार मिल सके, बावजूद इसके परेशानियों से छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा है।

मंडलीय अस्पताल में नहीं है जांच की सुविधा

आश्चर्य की बात यह है कि मिर्ज़ापुर मंडलीय अस्पताल में ‘स्क्रब टाइफस’ की जांच की सुविधा नहीं है, जबकि इस अस्पताल को मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के तौर पर मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिल चुका है। बावजूद इसके ‘स्क्रब टाइफस’ की जांच की सुविधा का ना होना मेडिकल कॉलेज की उपयोगिता पर सवाल खड़े करता है।

भले ही मिर्ज़ापुर के मंडलीय अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं है, परंतु निजी लैब सहित अन्य स्थानों पर जांच में अब तक 22 लोगों में ‘स्क्रब टाइफस’ की पुष्टि हुई है। इनमें अधिकांश मझवां विकास खंड क्षेत्र के कछवां के बजहां के बताए जा रहे हैं। मझवां विकास खंड के बजरडीहा और सिटी ब्लॉक क्षेत्र के भी मरीज पाए गए हैं।

वाराणसी के बीएचयू में एलाइजा जांच के बाद मिर्ज़ापुर जिले के चार लोगों में ‘स्क्रब टाइफस’ मिला है। इनमें से लोग 2 लोग सीखड़, 1 चुनार और 1 जमालपुर विकास खंड क्षेत्र के बताये जा रहे हैं। मिर्जापुर के साथ ही अन्य जिलों में भी ‘स्क्रब टाइफस’ के मरीज मिल रहे हैं। माना जा रहा है पूर्वाचल में डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल फीवर के साथ ही ‘स्क्रब टाइफस’ ने दस्तक दे दी है।

मिर्ज़ापुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीएल वर्मा की माने तो “स्क्रब टाइफस बैक्टीरियल बीमारी है जो आम तौर पर झाड़-झंखाड़ और झाड़ियों में पाए जाने वाले माइट के काटने से फैलती है। ये माइट चूहा, छछुंदर, खरगोश आदि के शरीर से होते हुए घर में प्रवेश करते हैं। इसके बाद मानव शरीर के संपर्क में आकर काटते हैं।”

डॉ. सीएल वर्मा कहते हैं कि “इस माइट के काटने से ओरेशिया सुसुगेमोसी नामक बैक्टीरिया खून में प्रवेश कर जाता है।” वह सुझाव देते हैं कि “घबराने के बजाए इसके बचाव पर ध्यान देना चाहिए। गंदगी और झाड़ियों से दूर रहने के साथ-साथ घरों के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।”

निजी जांच केन्द्र काट रहे चांदी

डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के बाद ‘स्क्रब टाइफस’ की आहट से लोगों को निजी पैथोलॉजी की शरण लेनी पड़ रही है। जहां जांच के नाम पर लूट की खूली छूट मिली हुई है। बढ़ती बीमारियों के साथ ही पैथालॉजी केंद्रों की भी मरीजों की बाढ़ सी आ गई है। आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप सिंह गहरवार तल्ख लहजे में कहते हैं कि “प्रशासन का कोई शिकंजा ना होने के कारण पैथोलॉजी जांच केंद्र मनमानी वसूली कर रहे हैं।”

दिलीप सिंह गहरवार का कहना है कि “मिर्जापुर जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद भी जांच कराने के लिए मरीजों को लंबी लाइन में 2 से 3 दिन का समय लगाना पड़ रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज में कई जांच नहीं होने पर लोगों को निजी पैथोलॉजी सेंटर की शरण लेनी पड़ रही है।”

राजगढ़ के मटिहानी गांव की गुंजा का कहना है कि “गांव देहात के अस्पतालों में जांच का अभाव बना हुआ है। कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। जांच के लिए गांव देहात के अस्पतालों से भागकर लोगों को जिला अस्पताल आना पड़ता है लेकिन यहां लंबी लाइन देखकर लोगों के पसीने छूट जा रहे हैं।”

गुंजा का कहना है कि “जिला अस्पताल में पर्चा बनवाने में ही पूरा समय व्यतीत हो जाता है, ऐसे में एक दिन में जांच संभव नहीं हो पाती है। जिसके चलते दूर दराज के इलाकों से जिला मुख्यालय आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके समाधान की दिशा में कोई प्रगति देखने को नहीं मिल रही है।”

(मिर्ज़ापुर से संतोष देव गिरी की ग्राउंड रिपोर्ट)

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