आगरा। आगरा कॉलेज के शिक्षकों ने अपना धरना स्थगित कर दिया है। लेकिन उनकी मांगों का समयबद्ध निस्तारण नहीं हुआ तो वे फिर से धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं। आंदोलनरत शिक्षकों की आवाज अब शासन-प्रशासन तक पहुंच गई है। आगरा मंडल के कमिश्नर अमित गुप्ता ने शिक्षकों की मांगों का समयबद्ध निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। धरनारत शिक्षकों ने शिक्षक संगठनों और आगरा कॉलेज के स्टाफ क्लब के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद 23 जून को 27वें दिन धरना स्थगित करने का निर्णय लिया। अब वे अपनी मांगों के हल होने का इंतजार कर रहे हैं।
आगरा कॉलेज स्टाफ़ क्लब के सचिव डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा कि “ मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने जो कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने संगठन की मांगों के प्रति सहानुभूति पूर्ण विचार करने और समस्याओं का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने हमारी मांगों का समयबद्ध और सकारात्मक समाधान करने को कहा है। हमने अपने सभी शिक्षक साथियों, महाविद्यालय इकाइयों के साथी, औटा पदाधिकारियों, फुपुक्टा पदाधिकारियों, AIFUCTO से बातचीत करके धरना को एक माह के लिए स्थगित कर दिया है। मांगें पूरी नहीं हुई तो हमें फिर से धरने पर बैठने में हिचक नहीं होगी।”
आगरा कॉलेज में करीब एक माह से शिक्षकों का धरना चल रहा था। शिक्षकों ने आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ल के भेदभाव पूर्ण नीति, शिक्षकों के बीच गुटबाजी को बढ़ावा देने, परीक्षा कार्य में वरिष्ठता के आधार पर ड्यूटी न लगाने के साथ-साथ कॉलेज फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के समय कमिश्नर अमित गुप्ता ने कुछ बिंदुओं पर प्राचार्य से दूरभाष पर बात कर नाराजगी जाहिर की। कॉलेज में होने वाली परीक्षाओं के संदर्भ में भी केंद्र व्यवस्थापक का अनुमोदन विश्वविद्यालय से न कराने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि परीक्षा से पूर्व केंद्र व्यवस्थापक का अनुमोदन विश्वविद्यालय से कराया जाना चाहिए। स्टाफ क्लब के मामले में भी मंडलायुक्त काफी गंभीर दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर स्टाफ क्लब के मामले का पूरी तरह से निस्तारण कर दिया जाएगा।
वार्ता के दौरान शिक्षकों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करने का मसला भी उठाया गया। कॉलेज प्रशासन की ओर से परीक्षा के कार्यों में वरिष्ठता के क्रम को दरकिनार कर अपने चहेते शिक्षकों से काम कराने पर भी मंडलायुक्त गंभीर दिखाई दिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कॉलेज सबका है। इसमें सभी का सहयोग होना चाहिए। प्राचार्य को इस तरह भेदभाव नहीं करना चाहिए। यदि आगे ऐसा होता है तो इसके परिणाम गंभीर होंगे।
मंडलायुक्त ने बताया कि हमने इस बारे में प्रबंध समिति की बैठक में प्राचार्य को निर्देशित कर दिया है कि किसी भी शिक्षक के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार न किया जाए। सभी को साथ लेकर चला जाए। मंडलायुक्त ने अंत में शिक्षकों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया। इसे शिक्षकों ने स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों का एक माह के अंदर निस्तारण न किया गया तो स्टाफ क्लब अपने सभी शिक्षक साथियों महाविद्यालय के साथियों औटा के पदाधिकारियों के साथ मिलकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
कमिश्नर अमित गुप्ता से वार्ता करने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रोफेसर शशिकांत पांडे, प्रोफेसर विजय कुमार सिंह, प्रोफेसर केके सिंह, प्रोफेसर चंद्रशेखर शर्मा, डॉ. अनुराग पालीवाल, प्रोफेसर विक्रम सिंह आदि शिक्षक शामिल रहे।
(जनचौक की रिपोर्ट।)