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भूटान में वामपंथी रुझान वाली पार्टी की बड़ी जीत

जनचौक ब्यूरो

नई दिल्ली। भूटान में हुए तीसरे आम चुनावों में एक नई पार्टी ड्रंक न्यामरूप टसोगपा (डीएनटी) की शानदार जीत हुई है। चुनाव में पार्टी को 47 में से 30 सीटें मिली हैं। पार्टी को सेंटर लेफ्ट के करीब बताया जा रहा है। दूसरे शब्दों में ये वामपंथी रुझान वाली पार्टी है।

8 लाख आबादी वाला ये देश भारत और चीन जैसे दो भीमकाय देशों के बीच बसा है। 2008 में राजतंत्र के खात्मे के बाद प्रत्येक चुनाव में अलग-अलग पार्टियों ने जीत हासिल की। अपने ग्रास नेशनल हैपिनेस इंडेक्स के लिए मशहूर इस देश में डीएनटी की ये पहली जीत है।

यूरोलाजी सर्जन और डीएनटी नेता टशेरिंग।

इस पार्टी का गठन 2013 में हुआ था। यहां बृहस्पतिवार को वोट डाले गए थे। प्रोविजनल नतीजे के बाद शुक्रवार को भूटान चुनाव आयोग ने आधिकारिक नतीजा घोषित कर दिया।

अल जजीरा के मुताबिक ड्रंक फ्यूंसुम टसोगपा (डीपीटी) ने 17 सीटें हासिल कीं। पूरा चुनाव इन्हीं दोनों दलों के बीच केंद्रित हो गया था। पिछली सत्ताधारी पार्टी चुनाव से बाहर हो गयी थी।

50 वर्षीय डीएनटी नेता लोटे टशेरिंग यूरोलाजी सर्जन हैं और उन्होंने आस्ट्रेलिया और बांग्लादेश में पढ़ाई की है। इस समय भूटान विदेशी कर्जे के भार से जूझ रहा है जिसका बड़ा हिस्सा भारत का है। इसके साथ ही देश के भीतर बेरोजगारी, ग्रामीण गरीबी और आपराधिक गैंग नई समस्या बन कर उभरे हैं।

थिंपू।

मतदान में 70 फीसदी लोगों ने मत डाले। 11 महिलाएं चुनाव जीती हैं।

दोनों दलों ने अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का वादा किया था। टशेरिंग की पार्टी ने गैप को कम करने के नारे का इस्तेमाल की थी। आपको बता दें कि डीपीटी ने 2008 में पहला चुनाव जीता था लेकिन 2013 में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। अपने शासन के दौरान उसने हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बनाने पर जोर दिया था। और उसके बिजली उत्पादन का बड़ा हिस्सा भारत को निर्यात हो रहा था। 

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