बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज एल्गार परिषद मामले में महाराष्ट्र के तलोजा जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। अदालत ने महाराष्ट्र में जेल अधिकारियों को मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को दो सप्ताह के इलाज के लिए मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। स्टेन स्वामी अक्तूबर, 2020 में गिरफ्तारी के बाद से तलोजा जेल में बंद हैं।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की बेंच ने जेल अधिकारियों को दिए आदेश में कहा है कि स्वामी (84) को नवी मुंबई में स्थित जेल से उपनगर बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल में ‘दिन के दौरान ही’ भर्ती कराया जाए। बेंच की ओर से यह आदेश तब दिया गया है, जब स्वामी की ओर से वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने एक अर्जी पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

देसाई ने न्यायमूर्ति एसजे कथावाला की अगुआई वाली अवकाशकालीन बेंच से स्वामी को चिकित्सा सहायता तथा अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था। बेंच ने उस समय कहा था कि चिकित्सा जमानत के मुद्दे पर फैसला बाद में लिया जाएगा, लेकिन स्वामी को इलाज के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।

कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे स्वामी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश हुए थे। उन्होंने यह कहते हुए जेजे अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था कि वह पहले भी दो बार वहां भर्ती हो चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता ने तब कहा था कि वह जेजे अस्पताल जाने की बजाए जेल में मरना पसंद करेंगे।

फिलहाल, हाईकोर्ट ने स्वामी को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराने की अनुमति दे दी। इससे पहले देसाई ने कहा कि इलाज का खर्च स्वामी और उनके सहायक उठाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा, ‘हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता को 15 दिन के लिए होली फैमिली अस्पताल में इलाज कराने का भर्ती कराया जा सकता है। स्वामी खुद इसका खर्च उठाएंगे।’

(स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट उनके फेसबुक से साभार।)

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