यूपी की बर्बर पुलिस ने एक और ली जान! अबकी रिक्शाचालक बना इस खाकी का शिकार

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उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता जारी है। कानपुर के मनीष गुप्ता की हत्या करने के बाद बुलंदशहर के गौरीशंकर (42 वर्ष) यूपी पुलिस के ताज़ा शिकार बने हैं।

बुलंदशहर जिले के चौंढेरा गांव के ई-रिक्शा चालक गौरीशंकर को पुलिस वालों ने पीट पीटकर मार डाला। पीट पीटकर मार डालने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। अभी पोस्टटमार्टम रिपोर्ट नहीं आयी है।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव के एक मंदिर के पास रविवार को यातायात जाम के दौरान छतरी थाना के पुलिसकर्मियों ने गौरीशंकर की पिटाई की थी। ई-रिक्शा चालक के परिवार ने उन्हें अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां रविवार रात इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को दिये बयान में बताया है कि चौंढेरा गांव मेला लगा था जिसमें उसी गांव का ई-रिक्शाचालक गौरी शंकर कमाने के उद्देश्य से अपना ई-रिक्शा लेकर आया था। उसे एक सिपाही द्वारा रोका गया। रोकने के दौरान कथित तौर पर सिपाही द्वारा उसे हल्का सा धक्का दिया गया। जिससे वो गिरकर बेहोश हो गया। बाद में उसे इलाज के लिये अलीगढ़ भेजा गया। जहां रात में उसकी मृत्यु हो गई।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस बात पर ज़ोर देकर कहा कि प्राथमिक तौर पर उसके शरीर पर कोई जाहिरा तौर पर चोट नहीं पायी गयी। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है यदि रिपोर्ट में कोई ऐसी बात आती है तो दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। प्रारंभिक जांच के बाद एक उप निरीक्षक और एक कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।

गौरतलब है 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के कृष्णा होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर की पुलिस ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी।

हत्या के 15 दिन बाद कल 9 अक्टूबर रविवार को व्यापारी मनीष गुप्‍ता के हत्यारे इंस्‍पेक्‍टर जगत नारायण और दारोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर एक-एक लाख रुपए का ईनाम था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें मामले की जांच कर रही एसआईटी को सौंप दिया। घंटों पूछताछ के बाद देर रात एसआईटी ने दोनों आरोपियों को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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