नई दिल्ली। दो महिला खिलाड़ियों की दिल्ली पुलिस में शिकायत का विवरण आज के इंडियन एक्सप्रेस अखबार में विस्तार से छपा है। यह खबर इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पहले पेज पर लीड खबर के रूप में प्रकाशित की है। बाकी समाचार पत्रों को संभवतः 7 महिला खिलाड़ियों ने क्या शिकायत दर्ज कराई है। तक पहुंच नहीं बनी
प्रथम दृष्टया इन शिकायतों पर ही पुलिस को मामला दर्ज कर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह से पूछताछ और हिरासत में लेने की पहल करनी चाहिए थी।
लेकिन बृजभूषण सिंह तो न सिर्फ नेशनल मीडिया चैनलों पर एक के बाद एक इंटरव्यू दे रहे हैं। बल्कि दल-बल के साथ अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दौरा तक करते हैं, और हर बार स्पष्ट करते हैं कि मामला अब जैसा महिला खिलाड़ी चाहती थीं, उस दिशा में चल रहा है। अब खिलाड़ियों को धरने की राजनीति के बजाय अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।
क्या यही बात कल खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी घुमाफिराकर नहीं कही? आखिर इन आंदोलनरत महिला खिलाड़ियों की शिकायत क्या है? वे क्यों 3 महीने बाद एक बार फिर से इस मामले को तूल दे रही हैं। जिसमें उनके खिलाफ तमाम तरह के लांछन लगाये जा रहे हैं। कई महिला खिलाड़ियों को ट्रोल करने से लेकर उनके समर्थन में आने वाले महिला संगठनों एवं छात्राओं को पुलिस की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है।
लगातार दो दिन दिल्ली में बारिश के कारण खुले आसमान के नीचे गद्दे, चादर, लिहाफ सब भीग गए।खिलाड़ियों को दी जाने वाली लाइट और पानी को प्रशासन द्वारा रोका गया और यहां तक कि नए कनात और गद्दे मंगाने की उनकी कोशिशों को जबरन रोक दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दो महिला खिलाड़ियों ने अपनी लिखित शिकायत में दावा किया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के बतौर विभिन्न स्थानों पर उन्हें गलत तरीके से छूने, वक्ष और पेट पर हाथ फेरने जैसे घृणित काम किये हैं। ये घटनाएं टूर्नामेंट के दौरान, वार्म अप और यहां तक कि भारतीय कुश्ती संघ के कार्यालय के भीतर तक घटित हुए हैं। इन मामलों की लिखित शिकायत इन दोनों महिला खिलाड़ियों ने दिल्ली पुलिस के सामने दर्ज की हैं।
21 अप्रैल को दो अलग-अलग शिकायतों को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया। लिखित शिकायत में दावा किया गया है कि इन महिला खिलाड़ियों की सांस लेने के पैटर्न को समझने के नाम पर बृजभूषण ने कथित तौर पर उनके साथ ये हरकतें की थीं, और उन्हें गलत तरीके से छूने का प्रयास किया था।
इस शिकायत में यह भी दर्ज किया गया है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष होने के नाते सिंह का प्रभाव और इसके चलते उनके खेल कैरियर में कई प्रकार से रुकावटें डाली जा सकती हैं, के भय से अभी तक वे शिकायत दर्ज करने से बच रही थीं। हालांकि इन घटनाओं से मानसिक एवं शारीरिक तौर पर प्रताड़ित महसूस कर रही थीं।
अपनी शिकायत में पहली महिला खिलाड़ी (नाम सार्वजनिक न हो इसके लिए सार्वजनिक नहीं किया गया है) ने आरोप लगाया है कि सिंह ने कम से कम 5 बार उसके साथ यौन हिंसा करने का प्रयास किया था। पहला, 2016 में एक टूर्नामेंट के दौरान होटल में सिंह ने टेबल पर उन्हें ज्वाइन करने के नाम पर वक्ष और पेट पर हाथ लगाया था। इस घटना के बाद शिकायतकर्ता महिला खिलाड़ी अपना खाना-पीना, और नींद भूल गई थी और मानसिक तनाव के बीच में रह रही थी।
महिला खिलाड़ी का आरोप है कि 2019 में भी इसी तरह की हरकत दुबारा सिंह के द्वारा उनके साथ की गई थी और इस बार भी उनके वक्ष और पेट पर हाथ लगाया था। अपनी शिकायत में महिला पहलवान खिलाड़ी ने दो अन्य घटनाओं का हवाला दिया है, जिसे सांसद बृजभूषण के 21, अशोक रोड स्थित बंगले में अंजाम दिया गया था।
इसमें सिंह द्वारा महिला खिलाड़ी को गलत ढंग से हाथ लगाने और दबोचने की कोशिश की गई थी। पहले दिन, बृज भूषण ने महिला खिलाड़ी की अनुमति के बगैर उसके जांघ पर हाथ फिराने और कंधे छुए थे, और दो दिन बाद जब उसे कुश्ती महासंघ के कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, तब सांस का जायजा लेने के बहाने उसके वक्ष और पेट पर हाथ लगाया था।
इसी प्रकार 2018 में एक टूर्नामेंट के दौरान सिंह ने महिला खिलाड़ी को देर तक गले लगाया और दूसरी बार ऐसे ही टूर्नामेंट के दौरान गले लगाते वक्त उसे खुद को छुड़ाना पड़ा क्योंकि सिंह का हाथ उसके वक्ष को छूने जा रहा था।
जबकि दूसरी महिला पहलवान शिकायतकर्ता का आरोप है कि 2018 में वार्म अप के दौरान सिंह ने बिना खिलाड़ी की रजामंदी के उसकी ट्रेनिंग जर्सी उठा दी थी, और सांस के पैटर्न को जांचने की बात कहकर वक्ष और पेट पर हाथ लगाया था। अपनी शिकायत में महिला खिलाड़ी ने कहा है कि इस घटना से वह सदमे में चली गई थी।
दूसरी घटना इसके एक साल बाद सिंह के कुश्ती महासंघ के दफ्तर में तब हुई, तब सिंह ने बाकियों को दफ्तर से बाहर जाने को कहा। इसके बाद बृज भूषण ने महिला खिलाड़ी को अपनी ओर खींचा और उसे दबोचने का प्रयास किया। सिंह ने उक्त महिला खिलाड़ी के साथ फोन नंबर का भी आदान-प्रदान किया।
इन दोनों खिलाड़ियों ने धारा 161 के तहत पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज की है। वहीं बृजभूषण शरण लगातार इसे राजनीतिक बदले की कार्यवाही बता रहे हैं, और उनके प्रतिद्वंदियों की उन्हें कुश्ती संघ के पद से हटाने की साजिश करार दे रहे हैं। उधर सर्वोच्च न्यायालय में खिलाड़ियों की ओर से याचिका पर सुनवाई के बाद कहीं जाकर इन महिला खिलाड़ियों जिनमें से एक नाबालिग है, दो प्राथमिकी दर्ज किये जाने की खबर है।
लेकिन इस विषय पर दिल्ली पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है। महिला खिलाड़ियों ने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी कि पुलिसिया जांच को किसी सेवानिवृत्त न्यायधीश की निगरानी में चलाया जाए। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस अपील को ठुकरा दिया है और महिला खिलाड़ियों को निचली अदालत में अपील करने का सुझाव दिया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि इतने संगीन अपराध की शिकायत के बावजूद आखिर सांसद बृजभूषण कैसे छुट्टा घूम रहा है! और उनके बचाव में सत्तारूढ़ दल के नेता ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री लगातार इन महिला खिलाड़ियों का धरना रद्द कराने पर क्यों तुले हुए हैं?
देश की सर्वोच्च अदालत से अपने लिए प्राथमिकी दर्ज कराने वाली इन खिलाड़ियों को शायद अब पूरी तरह से भान हो गया है कि चुनावी गुणा-भाग में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के लिए नारी गरिमा से बड़ा बृजभूषण सिंह का बाहुबल और वोट बैंक है जो अवध के करीब दर्जन भर सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
(रविंद्र पटवाल स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं और दिल्ली में रहते हैं)
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