संविधान सुरक्षा सम्मेलन : संविधान की विचारधारा देश के हर व्यक्ति,संस्था तक पहुंचे-राहुल गांधी

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पटना। राहुल गांधी आज पटना में मंच से कह रहे थे कि ओबीसी 50 प्रतिशत से कम नहीं, दलित 15 प्रतिशत से कम नहीं आदिवासी 8 प्रतिशत हैं। फिर भी इसका प्रतिनिधित्व ना के बराबर है। तभी जनता से आवाज आती है, कि इसका कोई समाधान है? तभी राहुल गांधी ने कहा कि इसीलिये तो हम यहां आए हैं।

बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ का आयोजन कांग्रेस पार्टी की तरफ से किया गया। कांग्रेस पार्टी के मुताबिक यह आयोजन संविधान के महत्व, उसकी सुरक्षा और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों पर चर्चा के लिए किया गया। जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए।

यह उनका लोकसभा चुनाव के बाद पहला बिहार दौरा था। सम्मेलन के मुख्य गेट पर बाबू जगजीवन राम, कर्पूरी ठाकुर और बाबा साहेब अंबेडकर का फोटो लगा हुआ था। वहीं स्टेज पर बाबू जगजीवन राम, कर्पूरी ठाकुर, सरदार पटेल, बिरसा मुंडा, ज्योतिबा फुले एवं अन्य का फोटो लगा हुआ था। 

पूरा कार्यक्रम बहुजन हित एवं बहुजनवाद पर आधारित रहा। इस सम्मेलन में बहुजन एवं संविधान पर पूरे देश में लगातार आवाज उठा रहे प्रोफेसर एवं विशेषज्ञ शामिल हुए। जिसमें प्रोफेसर रतनलाल, राजेन्द्र पाल गौतम, संजय वाल्मीकि एवं अशोक चौधरी जैसे नाम शामिल थे। 

बिहार में 40 जिलाध्यक्ष में एक भी अति पिछड़ा समुदाय से नहीं

राहुल गांधी के आने के बाद पैनल के तीन वक्ताओं को बोलने का मौका दिया गया था। जिसमें से एक अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले नवीन प्रजापति ने राहुल गांधी के सामने कहा कि बिहार में 40 जिलाध्यक्षों में एक भी उनके समुदाय से नहीं है। इसलिए हम चाहते हैं कि राहुल गांधी हमारे समाज का प्रतिनिधित्व राजनीति में भी बढ़ाएं। 

राहुल गांधी से पहले मंच पर पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर को पसमांदा समाज के प्रतिनिधित्व के तौर पर भेजा गया। जहां उन्होंने कहा कि भाजपा व संघ परिवार भारत को सोने की चिड़िया समझ देश को लूट रहा है।

राहुल जी ने जो जोखिम एक साथ, कॉरपोरेट घराने, संघ परिवार व भाजपा से लिया है। अंत में उन्होंने मुनव्वर राणा के शायरी से अपनी बात खत्म की अमीर-ए-शहर की हमदर्दियों से बच के रहो, ये सर से बोझ नहीं, सर उतार लेता है !

राहुल गांधी ने क्या कहा? 

भाषण के शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा कि हम भारत के कोने-कोने तक भारत के संविधान को पहुंचाना चाहते हैं। आप जिस बुद्ध की धरती पर मेरा अभिवादन कर रहे हैं, उन्हीं बुद्ध की बात संविधान में है। लाखों-करोड़ों लोगों का दर्द इस संविधान में है।

इस संविधान ने पूरी तरह नहीं लेकिन इन लोगों का दर्द थोड़ा कम किया है। महात्मा फुले, आम्बेडकर, गांधी की आवाज इसमें है। हम चाहते थे कि जैसे गंगा का पानी हर जगह बहता है, वैसे ही संविधान की विचारधारा भी देश के हर व्यक्ति, हर संस्था तक पहुंचे।

जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी ने बापू सभागार में कहा कि देश में जाति जनगणना कराएंगे, ये एक्सरे, एमआरआई जैसा है। जाति जनगणना के आधार पर पॉलिसी बननी चाहिए। इससे पता चलेगा कि किसकी कितनी आबादी है और उसकी विभिन्न संस्थानों में कितनी भागीदारी है। 

उन्होंने देश के तमाम संगठनों का आंकड़ा दिखाते हुए बताया कि किसी भी जगह आज भी पिछड़ा दलित एवं अल्पसंख्यक को हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। हम लोकसभा व राज्यसभा में आपके सामने जातिगत जनगणना पास करेंगे। आरक्षण की 50 प्रतिशत वाली दीवार तोड़ कर दिखाएंगे।

राहुल गांधी ने प्रतिनिधित्व के अलावा पावर पर भी बात की। राहुल गांधी के मुताबिक भाजपा पिछड़ा को प्रतिनिधित्व तो देने की कोशिश कर रही है लेकिन पावर नहीं दे रही है। आज के समय में भाजपा पार्टी के भी विधायक-संसद के पास कोई पावर नहीं है। जब हम आदिवासी, दलित समाज के भाजपा के सांसद से मिलते हैं तो वे कहते हैं कि हमें पिंजरे में बंद कर रखा है।

जब उन्हें पता चला कि पिछड़े समुदाय, दलित वर्ग के लोग प्रतिनिधित्व ले रहे हैं, तो उन्होंने आपको प्रतिनिधित्व दिया लेकिन सत्ता छीन ली। सत्ता अंबानी, अडानी और आरएसएस को दे दी गई है। उन्होंने अपने लोगों को हर संगठन में रखा है।

प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी जी चुनाव के पहले संविधान बदलने की बात करते थे, चुनाव जब जीते तो संविधान माथे पर लेकर अंदर गए।

मोहन भागवत कहते हैं कि देश को आजादी 1947 में नहीं मिली, अगर ये बात कह रहे हैं तो वो संविधान को नकार रहे हैं, इनके लिए संविधान का कोई मतलब नहीं है।

राहुल गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा।‌ उन्होंने कहा कि बिहार में जो जाति जनगणना कराई गई, उसका कोई मतलब नहीं है। हम देश में सही तरीके से जाति जनगणना करना चाहते हैं, जाति जनगणना के बगैर देश में सभी का विकास नहीं हो सकता है।

सम्मेलन के बीच राजनीति भी हुई

इस पूरे सम्मेलन में बिहार कांग्रेस के नेताओं के बीच अपनी ताकत दिखाने का भी झलक दिखाई दिया। राहुल गांधी के आने से लगभग 1 घंटा पहले कम से कम 200 से ज्यादा कार्यकर्ता सांसद एवं कांग्रेस के नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का फोटो लेते हुए राहुल गांधी की जय जयकार कर रहे थे।

इस भीड़ में शामिल संदीप बताते हैं कि, “राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को अभी तक कांग्रेस से हटाया नहीं गया है। राजेश रंजन बिहार के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। कांग्रेस की क्षेत्रीय राजनीति के वजह से उनको दरकिनार किया जा रहा है। 

वहीं राहुल गांधी के साथ मंच पर दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी, अली अनवर, अनिल जयहिंद एवं अन्य लोग बैठे हुए थे। इसमें से लगभग सभी पिछड़ा अति पिछड़ा, दलित एवं मुसलमान समुदाय के लोग थे।

(पटना से राहुल कुमार गौरव की रिपोर्ट।)

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