नींद से जागा चुनाव आयोग, कोरोना महामारी को देखते हुए रैलियों पर लगाई रोक

पश्चिम बंगाल में सातवें चरण के प्रचार के लिए कल गुरुवार को आखिरी दिन था। इस बीच राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए चुनाव आयोग ने आगामी प्रचार के लिए फिजिकल कैंपेनिंग पर रोक लगा दी है। 500 लोगों से अधिक संख्या वाली बाइक रैली और जनसभा की अनुमति को वापस ले लिया गया है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीएम मोदी ने अपनी आगामी रैलियों को रद्द कर दिया। इससे पहले राज्य में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए सीपीआईएम ने अपने प्रत्यशियों से जनसभा की जगह डोर-टू-डोर प्रचार करने का आदेश दिया था।

उधर, कल विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान समाप्त हो गया है। सभी 43 सीटों पर 79.09 फीसदी वोटिंग हुई। सभी 306 प्रत्यशियों की किस्मत गुरुवार को ईवीएम में बंद हो गई। इस चरण में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, तृणमूल के मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक, चंद्रिमा भट्टाचार्य, सीपीआईएम के नेता तन्मय भट्टाचार्य, टीएमसी के प्रत्याशी और बंगला फिल्मों के डायरेक्टर राज चक्रवती और एक्टर कौशानी मुखर्जी मैदान में थे।

पिछले चरणों की तरह इस चरण के मतदान के दौरान मतदान को बिगाड़ने की कोशिश की गई, जिसके तहत उत्तर 24 परगना के टीटागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कच्चे बम फेंके गए। एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना में एक बच्चे समेत छह लोग घायल हुए हैं। इस घटना के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल को भेजा गया। जहां जांच में पता चला है कि कुछ अज्ञात लोग मास्क लगाकर  टीट गेट के पास आए और बम फेंक कर चले गए। अन्य जगहों में भी छुटपुट हिंसक घटनाओं के साथ मतदान सम्पन्न हो गया। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के तहत मतदान करवाया गया।

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