छात्र हयात बलूच की एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग के बाद कराची से बलूचिस्तान तक विरोध-प्रदर्शन

Estimated read time 6 min read

13 अगस्त, 2020 बृहस्पतिवार को अबसीर, तुरबत में एक बलूच छात्र हयात बलोच की दिनदहाड़े उसकी माँ और छोटी बहन की आँखों के सामने फ्रंटियर कॉर्प्स द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई। मोहम्मद हयात कराची विश्वविद्यालय का छात्र था और गर्मी की छुट्टियों में अपने गृहनगर तुरबत आया था, जहां पाकिस्तानी सेना द्वारा गुस्से और बदले की भावना के चलते दिनदहाड़े परिवार की आंखों के आगे गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गयी। 

हयात की मां और तमाम प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 25 वर्षीय छात्र मुहम्मद हयात परिवार के साथ अपने खजूर के मैदान में था, जब पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को एक मोटरसाइकिल जिसमें कि आईईडी फिट था, के जरिए निशाना बनाया गया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेरेबंदी की और शुरू में हवाई फायरिंग का सहारा लिया, लेकिन फिर मुहम्मद हयात समेत कई नागरिकों को ढेर कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने हयात को मारना शुरू किया उसकी बहन और मां दया की याचना करती रहीं बावजूद इसके उसे उसकी बहन और माँ के सामने कई बार गोलियां मारकर मार डाला गया। मरहूम की मां और बहन ने हयात की हत्या की एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया है।

एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को आईईडी हमले का सामना करना पड़ा और इससे क्रोधित सुरक्षा बलों ने बदले की कार्रवाई में निर्दोष नागरिकों से इसका बदला लिया था। https://twitter.com/SaraAlbaloch/status/1295302682626928640?s=19

https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1289626951833944065?s=19

वहीं फ्रंटियर कॉप्स ने शुरू में दावा किया था कि हयात बलोच क्रॉस फायर में मारा गया है। और फिर कहा कि यह एक आकस्मिक मौत थी। लेकिन व्यापक विरोध प्रदर्शन होने के बाद फ्रंटियर कॉप्स अंततः कहा कि यह एक सैनिक द्वारा किया गया वहशी कृत्य था और पुलिस के पास मामला दर्ज किया गया था।

कौन था हयात बलूच 

25 वर्षीय हयात बलूच कराची विश्वविद्यालय में बीएससी फाइनल (फिजियोलॉजी) का छात्र था। 13 अगस्त की सुबह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कर्मियों द्वारा दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हयात एक खजूर के बाग में काम कर रहा था, जब पास की सड़क पर एक बम गिरा- पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला किया गया था। घबराए हुए सेना के जवान बाग की ओर भागे, हयात को देखा और उसकी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने कथित तौर पर उसकी मां की शॉल से उसके अंगों को बांधा, फिर उसे अंधाधुंध मारना पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता की इस दलील के बावजूद कि हयात निर्दोष है, सुरक्षा बलों ने उसे नहीं छोड़ा। वे उसे पास की सड़क पर ले गए और उसके परिवार और कई अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के सामने आठ से दस बार उसे गोली मारी, जिससे कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

हयात बलूच की हत्या ने बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर कोहराम मचा दिया है। छात्र संगठनों, राजनीतिक दलों, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और आम जनता ने इस घटना की निंदा करते हुए हयात के लिए न्याय की मांग की है। 

बलूचिस्तान से लेकर कराची तक विरोध प्रदर्शन 

ग्वादर, बलूचिस्तान में सैकड़ों लोगों ने रैलियों के रूप में लगातार चौथे दिन विरोध प्रदर्शन किया। बलूच के छात्र हयात बलूच को न्याय दिलाने की मांग करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

बलूच यकजहती समिति ने इस घटना की निंदा की और पाकिस्तानी अधिकारियों से हयात बलूच को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की।

बलूच नागरिक समाज भी इस घटना का विरोध कर रहा है। शनिवार को कराची प्रेस क्लब के सामने एक विरोध प्रदर्शन किया गया।

क्वेटा और कराची में दो जगह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए, जहां हयात बलूच के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर और प्लेकार्ड, पोर्ट्रेट लेकर हयात के लिए न्याय की मांग की।

क्वेटा में, क्वेटा प्रेस क्लब के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था जहाँ लापता व्यक्तियों के परिवार, बलूच और पश्तून छात्रों और राजनीतिक दलों के कई सदस्यों ने भाग लिया था। कई लोगों ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि हयात बलूच की हत्या राज्य के ‘स्टेट टेररिज्म’ का प्रमाण है। राज्य ने युवाओं को प्रतिरोध करने के लिए मजबूर किया है।

https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1295308417993707523?s=19

विरोध-प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि बलूचिस्तान के प्रबुद्ध दिमागों को खत्म करने में राज्य कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बलूच में ‘एक्स्ट्राज्यूडिशियल किलिंग’ में पिछले कुछ समय से तेजी आई है। बलूचियों ने उस पाकिस्तान के प्रति अपनी सभी उम्मीदें खो दी हैं, जिस राज्य ने उनकी ‘नस्लीय सफाई’ का विकल्प चुना है। ‘

कराची में, बड़ी तादाद में लोग सड़कों पर विरोध मार्च के लिए निकले और कराची प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने हयात की हत्या को बलूचिस्तान में ‘मानवाधिकारों के हनन का निकृष्टतम स्तर’ करार दिया।

https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1295268729723457536?s=19

सिंधी बलूच फोरम (SBF) द्वारा 30 अगस्त 2020 को International Day of the Victism of Inforced Disappearances के मौके पर लंदन के संसद भवन के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने की घोषणा किया गया है।  

संसदीय मानवाधिकार समिति ने मांगी सफाई 

पाकिस्तान की संसदीय मानवाधिकार समिति ने अर्द्ध सैन्य बल ‘फ्रंटियर कार्प्स’ के महानिरीक्षक को आदेश दिया है कि वह समिति के सामने पेश होकर बलूच छात्र हयात बलूच की ‘न्यायेतर हत्या’ का स्पष्टीकरण दें। हयात बलूच की 13 अगस्त को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी ।

मानवाधिकारों पर सीनेट समिति जिसका मुखिया पाकिस्तानी विपक्षी दल का एक सदस्य होता है, का ये निर्णय हयात की बर्बरतापूर्ण हत्या की घटना के बाद बढ़ते जनाक्रोश और विरोध प्रदर्शन के बढ़ते दबाव के कारण आया है।

एक ट्वीट में, समिति के अध्यक्ष मुस्तफा नवाज़ खोखर ने कहा कि हयात बलूच की नृशंस हत्या / एक्स्ट्राज्यूडिशियल हत्या पूरी तरह से अस्वीकार्य है और 27 अगस्त को आईजी (एफसी) को एचआर समिति के सामने बुलाया जाएगा।

विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों की प्रतिक्रिया

हालांकि फ्रंटियर कॉप्स के इस दावे पर कि बलूचिस्तान में ये एक ऐसी घटना हुई है पर बलूच राजनीतिक दलों द्वारा कड़ी फटकार लगाई गई है।

बलूच नेशनल मूवमेंट की यूके ब्रांच के प्रमुख हकीम वाधेला ने कहा है- “इस तरह के कृत्य इंप्यूनिटी की संस्कृति का परिणाम हैं जो फ्रंटियर कॉर्प्स और इसी तरह के अन्य संगठन बलूचिस्तान में ऑपरेट करते हैं। “ऐसे ही कई उदाहरण हैं जहां निर्दोष बलूच नागरिकों को पाकिस्तानी बलों द्वारा मार दिया गया है, लेकिन किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी ने पाकिस्तानी दुष्ट बलों को किसी भी तरह की बर्बरता करने का वातावरण मुहैया करवाया है।”

वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स के वाइस-चेयरमैन मामा कादिर बलूच ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा –“बलूचिस्तान के ‘शांतिपूर्ण बलूच संघर्ष’ को खत्म करने और अपने ‘अवैध और असंवैधानिक कब्जे’ को तेज करने के लिए ‘उत्पीड़क’ रणनीति ‘अमानवीय’ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 2000 लोग राज्य की ‘किल-एंड-डंप’ नीति का शिकार हुए हैं।”

मामा क़ादिर ने विरोध-प्रदर्शन में बोलते हुए कहा – “बलूचिस्तान में बलूच घरों पर हमले पूरे बलूचिस्तान में आम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बलूच छात्रों की व्यवस्थित निशाने पर हत्या जोरों पर है; महिलाएं जेलों में कैद हैं और कई लोग सेना द्वारा मारे गए हैं। यह सब राज्य की नीति के अनुसार हो रहा है। बलूच काल के गाल में समा गए हैं और दिन के उजाले में मारे जाते हैं, जबकि अपराधी अपनी सभी क्रूरताओं के बावजूद सज़ा से छूट जाते हैं। राज्य संस्थानों को हमारे धन और संसाधनों का उपयोग करने और हथियार खरीदने और फिर हमारे खिलाफ उनका उपयोग करने का कोई अधिकार नहीं है।”

https://twitter.com/TBPEnglish/status/1295338989394767872?s=19

राजनीतिक पार्टियों का बयान

बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने मीडिया बयान में हयात बलूच की हत्या की निंदा की और कहा कि बलूचिस्तान में राज्य अत्याचार और उत्पीड़न ’को गति मिली है। पाकिस्तानी सुरक्षा बल व्यवस्थित और चुनिंदा रूप से बलूचिस्तान के शिक्षित युवाओं को खत्म कर रहे हैं। 

नेशनल पार्टी ने कहा है – “संबंधित अधिकारियों को मामले में न्यायिक जांच शुरू करनी चाहिए और घटना के दोषी को गिरफ्तार करना चाहिए।” 

अवामी नेशनल पार्टी ने भी अपराधी की तत्काल गिरफ्तारी और सजा की मांग की।

पाकिस्तान के एक प्रमुख पत्रकार हामिद मीर ने एक ट्वीट में कहा है- “हयात बलूच की मौत की ख़बर से उन्हें गहरा दुख हुआ है। एफसी सैनिक ने एक युवक का खून नहीं, बल्कि पूरे पाकिस्तान का ख़ून बहाया है।”

डॉन के पूर्व संपादक, अब्बास नासिर ‘ओप-एड’ में कहते हैं- “हयात बलूच की हत्या “एक त्रासदी थी जिसे इस लिए होने दिया गया क्योंकि कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इससे आनंद आता है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों में सुधार की आवश्यकता है। “क्रूरता कभी भी स्थायी शांति को हासिल करने का मार्ग नहीं हो सकती है।”

लिंग और शहरी हाशिए के समाज के लिए काम करने वाली शोधार्थी निदा किरमानी ने ट्विटर पर लिखा – “कृपया आप अपने पटाखों और हवाई फायरिंग से और हमारे नेताओं की खुशामद और अपने आशा के संदेशों से ब्रेक लें और कराची विश्वविद्यालय के #HayatBaloch के लिए प्रर्थना करें और करने के लिए कहें, जोकि अपने पिता के साथ तुरबत स्थित अपने बगीचे में काम करते समय फ्रंटियर कॉर्प्स द्वारा मार दिया गया।”

अगस्त बलूचिस्तान के लिए ऐतिहासिक महीना है

अगस्त बलूचिस्तान के लिए ऐतिहासिक महीना है। 11 अगस्त बलूचिस्तान प्रांत में आजादी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1293092079632080896?s=19

जबकि 14 अगस्त को पाकिस्तान की स्वतंत्रता दिवस पड़ता है। अगस्त महीने में बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले कई नेताओं की हत्या हुई है। इस तरह कई मायने में अगस्त का महीना बलूचिस्तान निवासिय़ों के लिए बेहद खास है।      

https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1289626951833944065?s=19
https://twitter.com/GoharBaloch24/status/1293903330348081153?s=19

जगह जगह कार्यक्रम होते हैं। यही कारण है कि अगस्त के महीने में पाकिस्तानी अर्द्ध सैन्य बल फ्रंटियर कॉर्प्स और दूसरी सैन्य टुकड़ियों का जमावड़ा बलूचिस्तान में बढ़ जाता है। 

पिछले दो सप्ताह से पाकिस्तान सेना बलूचिस्तान के पंजगुर जिले के विभिन्न इलाकों में जमीनी और हवाई ऑपरेशन चला रही है। 

सूत्रों के मुताबिक इलाके के कई घरों को सेना द्वारा आग लगा दिया गया। जबकि कई हिरासत में लिए जाने के बाद से लापता बताए जा रहे हैं। सड़के बंद हैं। जबकि सरकार की ओर से इस ऑपरेशन के बाबत कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You May Also Like

More From Author