फारूक और उमर ने की महबूबा से मुलाकात, ‘गुपकर घोषणा’ के हस्ताक्षरकर्ताओं की आज बैठक

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नई दिल्ली। पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती के नजरबंदी से रिहा होने के बाद नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक और उमर अब्दुल्ला ने उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की और उन्हें आज अब्दुल्ला के घर पर होने वाली ‘गुपकर घोषणा’ के हस्ताक्षरकर्ताओं की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया।

उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को ट्विटर पर पोस्ट कर बताया था कि “मेरे पिता और मैं नजरबंदी से रिहा होने के बाद महबूबा साहिबा का हाल जानने के लिए उनके आवास पर गए थे। उन्होंने ‘गुपकर घोषणा’ के हस्ताक्षरकर्ताओं की कल (आज) होने वाली बैठक में शामिल होने के फारूक साहिब के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।”

उसके जवाब में महबूबा ने ट्वीट किया कि “फारूक साहिब आप का घर आना अच्छा लगा। उनको सुनकर मुझे साहस बंधा। मैं इस बात को लेकर निश्चित हूं कि मिलकर हम चीजों को बदल सकते हैं।” गुपकर घोषणा 4 अगस्त, 2019 को फारुक अब्दुल्ला के गुपकर रेजिडेंस पर कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों की बैठक के बाद जारी हुआ था। आम सहमति से जारी हुए इस घोषणापत्र के जरिये जम्मू-कश्मीर के विशेष स्टैटस, स्वायत्तता और पहचान की रक्षा करने का संकल्प लिया गया था।

उसी दिन स्पेशल स्टैटस को तोड़ा गया था और स्टेट को दो यूनियन टेरिटरीज में बांट दिया गया था। निर्धारित बैठक बृहस्पतिवार को पहली बार होगी जब गुपकर घोषणा के हस्ताक्षरकर्ता अगस्त, 2019 के बाद पहली बार मिलेंगे। फारूक की तरफ से उमर ने महबूबा को आज हस्ताक्षरकर्ताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था।

इस साल 22 अगस्त को घाटी में मुख्याधारा की राजनीतिक पार्टियों ने साझा घोषणा पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टैटस को बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। महबूबा जो उस समय नजरबंदी में थीं ने अब्दुल्ला के साथ टेलीफोनिक बातचीत में उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा था। प्रस्ताव में गुपकर घोषणा पर डटे रहने की बात कही गयी थी।

बुधवार को महबूबा ने अपने घर पर अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मुलाकात की। बैठक में मौजूद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि “बुनियादी तौर पर यह एक शिष्टाचार बैठक थी क्योंकि बहुत दिनों से बैठक नहीं हो पायी थी। जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर अनौपचारिक बातचीत हुई।” उन्होंने बताया कि “हम लोगों ने पिछले एक साल की स्थितियों का लेखा-जोखा लिया और आगे की चुनौतियों पर उससे बात की”।

इस नेता और आम पीडीपी नेताओं का विचार था कि जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टैटस और उसकी पोजीशन को बहाल करने की लड़ाई लंबी और कठिन है। उसने कहा कि “हम सभी का ये विचार था कि वहां सत्ता का कोई लक्ष्य नहीं है। लिहाजा हम सबको मिलकर काम करना होगा।” महबूबा आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगी। वरिष्ठ पीडीपी सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर समय और दूसरे विवरण फारूक अब्दुल्ला के घर पर होने वाली बैठक के बाद तय किया जाएगा।

शाम को पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने महबूबा के घर जाकर उनसे शिष्टाचार भेंट की।   

(कुछ इनपुट इंडियन एक्सप्रेस से लिए गए हैं।)  

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