नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ताओं और सीएए विरोधी एक्टिविस्टों के बाद अब बारी मीडियाकर्मियों और मानवाधिकार से जुड़ी शख्सियतों की है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। एक कर्नाटक के बंगलुरू में एमनेस्टी इंटरनेशनल के इंडिया हेड रह चुके आकार पटेल के खिलाफ दर्ज हुआ है और दूसरा जाने-माने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दिल्ली में। आकार पर लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। जबकि विनोद दुआ पर झूठ और अफवाह फैला कर हिंसा भड़काने के तहत दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है।
आकार के खिलाफ यह मामला उनके एक ट्वीट के आधार पर दर्ज किया गया है जिसमें उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने भारत के लोगों को भी अमेरिका की तर्ज पर हिंसा करने के लिए उकसाया है।
31 मई को पटेल ने अमेरिका के डेनवर शहर के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा था कि “हमें भी। ऐसे प्रदर्शनों की जरूरत है। दलितों से लेकर मुस्लिम और आदिवासी और गरीब से लेकर महिलाएं। दुनिया इस पर ध्यान देगी। विरोध-प्रदर्शन भी एक कला है।”
आप को बता दें कि बंगलुरू पुलिस ने इस ट्वीट को ही आधार पर बनाकर 2 जून को उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया। यह मामला जेसी नगर पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर डीआर नागराज की शिकायत पर दर्ज किया गया है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इंस्पेक्टर नागराज पटेल के घर के पास ही रहते हैं। आकार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (1)(बी), 153 और 117 के तहत दंगे भड़काने और सार्वजनिक क्षति के लिए लोगों को उकसाने का केस दर्ज किया है।
इस बीच, एमनेस्टी इंटरनेशल आकार के पक्ष में खुलकर सामने आ गया है। उसने न केवल इस घटना की निंदा की बल्कि बाकायदा बयान जारी कर कहा कि पुलिस की एफआईआर बताती है कि देश में किस तरह से मतभेद रखने का अधिकार अपराध कहा जाने लगा है। एमनेस्टी ने कहा कि बंगलुरू पुलिस को अपनी ताकत का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आकार पटेल को डराने या उनके उत्पीड़न की कोशिश को पुलिस को रोक देना चाहिए। क्योंकि उन्होंने जो भी किया अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के तहत किया, जिसका अधिकार उन्हें संविधान ने दिया है।
दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ बीजेपी प्रवक्ता नवीन कुमार की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज किया है। जिसमें उन पर दिल्ली दंगों की गलत रिपोर्ट का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ ज्योतिरादित्य के बीजेपी में शामिल होने पर गलत तथ्यों के जरिये रिपोर्टिंग करने का भी आरोप है। व्यापम स्कैम पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी को भी एफआईआर का हिस्सा बनाया गया है।
विनोद दुआ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “मुझसे अभी दिल्ली पुलिस ने संपर्क नहीं किया है लेकिन इससे जुड़ा कुमार का एक ट्वीट मैंने देखा है।”
शिकायत दुआ के एक यूट्यूब शो जिसे ‘द विनोद दुआ शो’ के तौर पर जाना जाता है, को लेकर है। इसमें उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बात की है। कुमार ने इसमें की गयी टिप्पणी को बेहद निम्न स्तरीय करार दिया है।
एफआईआर में नवीन कुमार ने दुआ पर दिल्ली दंगों की गलत तरीके से रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उनका कहना है कि सीएए के खिलाफ आंदोलन की भी गलत रिपोर्टिंग की। उन्होंने कहा कि दंगों के लिए उन्होंने पीएम, गृहमंत्री और कपिल मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया।
पांच पेजों की इस एफआईआर को आईपीसी की 290 , 505 और 505 (2) धाराएं लगायी गयी हैं।