गुजरात में भरूच के पटेल वेलफेयर कोविड अस्पताल में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 16 कोविड मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल के ट्रस्टी जुबेर पटेल ने 14 मरीज और 2 स्टाफ नर्स की मौत होने की पुष्टि की है। आग देर रात करीब 12:30 बजे लगी और तेजी से फैलकर ICU तक पहुंच गई। हालांकि, कुछ घंटों की कोशिशों के बाद आग पर काबू पा लिया गया। बचाव का काम सुबह तक जारी रहा। शुरुआती जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
आग लगने की ख़बर मिलते ही फायर ब्रिगेड 12 गाड़ियां और 40 एंबुलेंस को अस्पताल बुलाया गया। मरीजों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। उस समय अस्पताल के आसपास करीब 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ थी। जिनके मरीज अस्पताल के भीतर थे वो रो रहे थे और चीख-पुकार मची हुई थी।
आग की वजह से अस्पताल और आसपास के इलाके की बिजली बंद कर दी गई थी। इससे बचाव के काम में भी काफी दिक्कतें आईं। काफी कोशिशों के बाद मरीजों को बाहर निकाला गया और उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। आग लगने के समय चार मंजिला अस्पताल में 50 मरीज और भर्ती थे। सभी को सिविल अस्पताल, सेवाश्रम अस्पताल और जंबुसर अल महमूद अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है।
सीएम विजय रूपाणी ने राज्य के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों, श्रम और रोजगार के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा और आयुक्त नगर पालिका राजकुमार बेनीवाल को तत्काल कोविड केयर सेंटर में आग की घटना की जांच करने के लिए भरूच पहुंचने और जांच करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार में 23 अप्रैल शुक्रवार तड़के एक कोविड अस्पताल में आग लगने से 13 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई थी। आग सुबह 3.30 बजे के आसपास लगी अस्पताल के आईसीयू शॉर्ट सर्किट से लगी थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दे दिए थे। जबकि बाक़ी मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था।
पिछले महीने मुंबई के भांडुप इलाके में एक मॉल की तीसरी मंजिल पर बने कोविड हॉस्पिटल में आग लग गई थी। जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी। हॉस्पिटल में भर्ती 70 मरीजों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 22 गाड़ियों को काफी देर तक मशक्क़त करनी पड़ी थी।
इससे पहले 27 नवंबर को गुजरात के राजकोट जिले के एक कोविड अस्पताल में आग लगी थी। तब हादसे में 5 कोरोना मरीजों की जलकर मौत हो गई थी। घटना के समय हॉस्पिटल में 33 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था। मशीनरी में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया गया था। तब भी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हादसे की जांच के आदेश दिए थे।
पिछले साल 21 नवंबर को ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के कोविड केयर सेंटर के ICU में आग लग गई थी। आग से मची अफरा-तफरी में दो मरीजों की मौत हो गई। एक वेंटीलेटर भी जल गया था।
पिछले साल ही 9 अगस्त को आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में एक होटल में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि होटल को कोविड-19 फैसिलिटी सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। घटना के वक्त यहां 40 मरीज थे। मेडिकल स्टाफ के भी 10 लोग थे।
जबकि 6 अगस्त 2020 को अहमदाबाद के श्रेय कोविड अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हुई थी। मरने वालो में 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल थे। आग अस्पताल की चौथी मंजिल पर लगी थी।