गृह मंत्रालय ने किया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस रद्द

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के प्रमुख थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) कैंसिल कर दिया है। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर चलाती हैं। यामिनी अय्यर ने कहा है कि इसकी फंडिंग रूक गई थी और इसके कर्मचारियों की संख्या अब अस्थिर हो गई है और प्रोग्रामिंग एकदम न्यूनतम स्तर पर आ गया है।

सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की स्थापना 1973 में की गई थी। संगठन देश के नीतिगत मुद्दों पर विस्तार से शोध करता है और देश के पॉलिसी मेकर्स के साथ मिलकर नीतिगत मामलों पर फैसला लेता है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि देश के लीडिंग थिंक टैंक ने विदेशी फंडिंग मामलों में कानून का उल्लंघन किया है जिस कारण यह कदम उठाया गया है।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने फरवरी 2023 में 6 माह के लिए CPR का लाइसेंस रद्द किया था। सितंबर 2022 में भी इनकम टैक्स ने CPR के दफ्तरों में तलाशी ली थी। इसके बाद से ही यह इनकम टैक्स के निशाने पर था।

गृह मंत्रालय ने जुलाई 2023 में सस्पेंशन खत्म होने के पहले ही उसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। लेकिन अब मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के FCRA डिविजन ने इसका लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द कर दिया है।

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि संगठन अपने एफसीआरए लाइसेंस को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है और सभी तरह के विकल्पों और उपायों की तलाश कर रहा है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए उन्होंने सीपीआर के वर्तमान प्रमुख के रूप में अपनी स्थिति को संकटग्रस्त लेकिन आश्वस्त बताया और कहा कि मार्च 2023 की तुलना में थिंक टैंक के कर्मचारियों की संख्या 150 से घटकर सिर्फ 20 रह गई है।

उन्होंने कहा कि “संगठन को बहुत कम फंडिंग हो रही है और विवाद के बाद से हमारे पास जो भी फंड है वह भी एफसीआरए नियमों के अनुसार फ्रीज कर दिया गया है। तो हम कर्मचारियों को वेतन कैसे देंगे?”

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की संख्या घटने और फंडिंग खत्म होने के कारण सीपीआर को मजबूरन अपनी गतिविधियों को कम करना पड़ा है।

उन्होंने कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि “हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द सब ठीक होगा और हमें कोर्ट से राहत मिलेगी।”

अगस्त 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सीपीआर के खिलाफ इनकम टैक्स की जांच पर रोक लगा दी थी। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है जिसपर सुनवाई चल रही है।

इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने सितंबर 2022 में जांच के दौरान सीपीआर के कामकाज और फंड में उल्लंघन का पता लगाया था।

जबकि कांग्रेस नेता का कहना है कि उन्हें 10 जनवरी को जो एफसीआरए रद्द करने का आदेश मिला था वह “विस्तृत आदेश नहीं” था। सीपीआर के खिलाफ मामला 30 जून, 2023 को आईटी अधिकारियों की ओर से भेजे गए अंतिम 115 पेज के नोटिस में शामिल है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के पास यह नोटिस उपलब्ध है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीपीआर की गतिविधियां ठीक नहीं थीं और संगठन के उद्देश्यों के खिलाफ थीं। अधिकारियों ने सीपीआर के तरीके को भी चुनौती दी है और आरोप लगाया है कि इसके पास अलग-अलग खाते हैं और इसे जो फंडिंग मिलती है उसके लिए अपने खातों को मिला देता है।

एफसीआरए और इनकम टैक्स ने सबूत के तौर पर सीपीआर सलाहकारों और कर्मचारियों के बीच हुए व्हाट्सएप चैट को पेश किया है जो उसे जांच के दौरान मिले थे।

वहीं अय्यर ने कहा कि एफसीआरए रद्द करने का आधार समझ से बाहर था। उन्होंने कहा कि “सीपीआर ने कानून का पूरा पालन किया है और प्रक्रिया के हर चरण में पूरी तरह से सहयोग कर रहा है।”

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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