बंगाल में भाजपा जीती तो किसानों-मजदूरों की हालत हो जाएगी बदतरः राकेश टिकैत

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दिल्ली के बॉर्डर पर लगभग पांच महीने से बैठे किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर डटे हुए हैं। 26 नवंबर 2020 के बाद से बॉर्डर पर बैठे किसानों के पहले दौर में तो सिर्फ पंजाब, हरियाणा के ही किसानों ने मोर्चा संभाला। धीरे-धीरे करके पूरे भारत के किसान तीनों काले कृषि कानून के खिलाफ एकजुट होने लगे। इसके साथ कई संगठन भी जुड़ गए। संयुक्त किसान मोर्चा तो देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों को तीन कृषि कानूनों के बारे में समझा रहे हैं और साथ ही सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों को एकजुट कर रहे हैं।

इसी दौरान पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आसनसोल में दो बार महापंचायत का आयोजन किया गया। पहली वाली महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत शामिल नहीं हो पाए थे, लेकिन इस बार हुई महापंचायत की मीटिंग में वह ट्रैक्टर पर बैठकर पहुंचे। साथ ही किसान एकता जिंदाबाद की नारे भी लगाए।

बंगाल के किसान भी एमएसपी की मांग करें
आसनसोल में हुई महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि बंगाल के किसान एमएसपी के बारे में जानते ही नहीं हैं। दिल्ली के नेता चुनाव के मद्देनजर लोगों से यहां मिलने आ रहे हैं। आज वही नेता किसानों से घरों से एक मुट्ठी चावल मांग रहे हैं। मैं तो कहता हूं इस एक मुट्ठी चावल के बदले उन्हें, नेताओं से एमएसपी मांग लेनी चाहिए।

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के साथ बर्बरता का व्यवहार कर रही है। वह कभी किसानों की हितैषी नहीं हो सकती है। दिल्ली में किसानों से मिलने के बजाए वह यहां चुनाव में व्यस्त है। यहां लोगों को भाजपा का पूरी तरह से विरोध करना चाहिए। भाजपा को बंगाल में आने से रोकना होगा। अगर भाजपा यहां से जीत जाती है तो किसानों और मजदूरों का हाल और भी बदतर हो जाएगा, इसलिए जरूरी है कि बंगाल की जनता भाजपा को वोट न करे।  

बंगाल की जनता भाजपा के बहकावे में न आए
वहीं दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भी संयुक्त किसान मोर्चा की टीम के साथ आसनसोल में शिरकत की। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने भी बंगाल की जनता को भाजपा को वोट न करने की अपील करते हुए कहा कि बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। भाजपा यहां की जनता को वरगलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बंगाल की जनता को इनके बहकावे में नहीं आना चाहिए। खासकर यहां के किसान इनके झूठे आश्वसनों में न आएं। यह कभी भी किसानों का भला नहीं कर सकते हैं।

(पश्चिम बंगाल से पूनम मसीह की रिपोर्ट।)

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