नई दिल्ली। योगीराज में हिंदुत्ववादी गुंडे दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर लगातार हमले कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। जहां एक मस्जिद के इमाम को कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने को कहा। इमाम के इनकार करने पर गुंडा तत्वों ने उनकी पिटाई कर दी। इमाम ने कथित तौर पर बंदूक की नोक पर जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर करने और इनकार करने पर उसके साथ मारपीट करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
इमाम मुजीब-उर-रहमान पर कथित हमला मंगलवार को हुआ था, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर एक दिन बाद मामला दर्ज किया जब वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। दो आरोपियों को बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया।
“इमाम ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था कि कुछ लोगों ने उनकी पिटाई की और उन्हें जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीष मिश्रा ने कहा, हमने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और तीसरे की तलाश कर रहे हैं। अधिकारी ने दावा किया कि शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने कार्रवाई की।
शहर-ए-काजी हबीब-उर-रहमान के बेटे मुजीब-उर-रहमान ने संवाददाताओं से कहा, “मैं एक मस्जिद में शाम की नमाज अदा करने के बाद घर लौट रहा था, तभी तीन युवकों ने मुझे रोका, मेरे गले में भगवा दुपट्टा डाल दिया और मेरे साथ मारपीट की। और मुझसे जय श्री राम और हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने को कहा। जब मैंने जय श्री राम कहने से इनकार किया तो उन्होंने मुझे मुक्का और लात मारी। हमने बुधवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की जब कोतवाली पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी की, जो वहां कुछ लोगों के इकट्ठा होने पर भाग गए थे।”
बागपत के पुलिस प्रमुख अर्पित विजयवर्गीय ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की गई। दो आरोपियों-बागपत शहर के राहुल कुमार और जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने तीसरे आरोपी का नाम उजागर नहीं किया।”
बागपत में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है। एक पखवाड़े पहले कुछ अज्ञात लोगों ने वहां एक मजार को भगवा रंग से रंग दिया था। 2013 में जब मुजफ्फरनगर से सटे इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़की तो बागपत सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक था। इसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें से एक दर्जन लोग बागपत के थे।
(द टेलीग्राफ की खबर पर आधारित।)