Tuesday, April 23, 2024

कर्नाटकः 1200 किलो गांजे के साथ बीजेपी नेता गिरफ्तार, रिया मामले में शोर मचाने वाली पार्टी में सन्नाटा

कलबुर्गी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत में ड्रग का एंगल लेकर रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बीजेपी और उसके पत्रकारों ने इतना शोर मचाया कि रिया की गिरफ्तारी हो गई। रिया के मामले में ड्रग को लेकर बीजेपी वालों ने ऐसा कुछ नहीं बचा, जो कि नहीं कहा। अब कर्नाटक से खबर आ रही है कि वहां बीजेपी का नेता गांजे की एक दो पुड़िया के साथ नहीं, बल्कि कुल 1200 किलो गांजे के साथ पकड़ा गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। इससे पहले यूपी के फतेहपुर में पुलिस ने पिछले पखवाड़े एक बीजेपी नेता को 12 किलो गांजे के साथ पकड़ा था। 

सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग को मुद्दा बनाकर रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बीजेपी ने बेहद गंदा अभियान चलाया। वहीं कंगना रानौत का दफ्तर टूटने के बाद तो बीजेपी ने ऐसा पोज किया कि स्त्रियों की सबसे बड़ी खैरख्वाह वही है। आपको याद दिला दें कि स्त्रियों की बड़ी खैरख्वाह बनती दिखने वाली ये वही बीजेपी है जिसने नर्मदा आंदोलन के दौरान साबरमती आश्रम में मेधा पाटेकर को जमीन पर दूर तक बाल पकड़कर घसीटा था और उन्हें बड़ी बेरहमी से मारा था।

1200 किलो गांजे के साथ जो बीजेपी का दबंग बूथ लेवल कार्यकर्ता पकड़ा गया है, उसका नाम चंद्रकांत चौहान है और उसकी उम्र 34 साल है। चंद्रकांत चौहान कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के कलगी तालुके में लच्छा नायक टांडा का रहने वाला है। एक तस्वीर में चंद्रकांत चौहान 2019 में हुए चुनाव में बाकायदा बीजेपी की टोपी और उसका गमछा पहनकर चुनाव प्रचार करता हुआ नजर आ रहा है।

आमतौर पर बीजेपी ऐसे कार्यकर्ताओं से यह कहकर पीछा छुड़ा लेती है कि वह पार्टी का कार्यकर्ता नहीं है, लेकिन चिंचौली, जहां का चंद्रकांत चौहान रहने वाला है, वहां के कई लोकल बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने भी खुलासा किया है कि गांजा बेचने वाला चंद्रकांत चौहान बीजेपी का सम्मानित बूथ लेवल कार्यकर्ता है और उसका इलाके में अच्छा प्रभाव है।

कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है, जिसके रसूख से चंद्रकांत ने 12 सौ किलो गांजा कलगी पुलिस स्टेशन के पास ही छुपा रखा था। चिंचोली तालुके के बीजेपी युवा मोर्चा के प्रेसीडेंट विष्णुकांत ने माना कि चंद्रकांत चौहान बीजेपी का ही कार्यकर्ता था और 2019 में जब उपचुनाव हुए थे, तब उसने बीजेपी कैंडीडेट अविनाश जादव के समर्थन में चुनाव प्रचार भी किया था।

हालांकि विष्णुकांत भी मामले को टालने की कोशिश कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि वह कार्यकर्ता तो था, लेकिन उसके पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं थी। अब उनसे पूछना चाहिए कि गांजा की सप्लाई क्या कम बड़ी सप्लाई होती है? रिया चक्रवर्ती के पास तो नशे की पुड़िया भी नहीं मिली, तब भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन यहां तो माजरा ही दूसरा है।

पुलिस का कहना है कि चंद्रकांत को गांजा गिरोह का एक छोटा सा प्यादा था, अभी और भी लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुलिस की कार्रवाई से कर्नाटक बीजेपी में हड़कंप है, क्योंकि सूत्रों के मुताबिक इस गांजा गिरोह के तार सत्ता की मलाई चाट रहे और भी कई लोगों से जुड़ने वाले हैं। वहीं पर बीजेपी के पूर्व नेता रहे सुभाष राठौड़ ने भी यही बात कही कि चंद्रकांत तो बस एक छोटी मछली है।

इससे पहले अगस्त में यूपी के फतेहपुर में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने भाजपा के एक नेता और एक अन्य व्यक्ति को 12 किलो गांजे के साथ पकड़ा था। धाता थाना क्षेत्र के अढ़ौली पुलिया के पास पुलिस चेकिंग के दौरान थाना प्रभारी बीरेंद्र सिंह यादव ने एक लग्जरी कार में बीजेपी का झंडा लगाकर साढ़े 12 किलो गांजे की तस्करी करते किशनपुर के वार्ड नंबर पांच निवासी भाजपा नेता और सभासद मनोज शुक्ला उर्फ बांके को पकड़ा था।

इसके अलावा 12 सितंबर को यूपी के ही बांदा से पुलिस ने भाजपा के एक बूथ अध्यक्ष को 15 किलो गांजे की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया। बता दें कि इस बूथ अध्यक्ष को पुलिस ने पहले भी गांजा की तस्करी में पकड़ा था और पाबंद किया था। छूटने के बाद बीजेपी के इस बूथ अध्यक्ष ने बूथ-बूथ पर गांजा बेचना शुरू कर दिया तो पुलिस ने उसे फिर पकड़ लिया।

इसी साल जुलाई के महीने में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक पंचायत सभासद के पति को अपनी कार में तीस किलो गांजे की तस्करी करते हुए पकड़ा था। पुलिस के अनुसार वह कई वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी करने में लगा हुआ था और एक बार इसके लिए जेल भी जा चुका है।

गोवर्धन क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया, “लॉकडाउन के चलते पुलिस राधाकुंड के छटीकरा तिराहे पर सभी वाहनों की चेकिंग कर रही थी। तभी एक स्विफ्ट गाड़ी वहां आकर रुकी। उसकी तलाशी लेने पर उसमें से तीस किलो गांजा बरामद हुआ। पूछताछ में पता चला कि गाड़ी चालक का नाम राधावल्लभ चौधरी है और वह राधाकुण्ड नगर पंचायत की भाजपा से सभासद का पति है।”

पुलिस को उसके बारे में रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि वह कई वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी करता चला आ रहा है, जिसके कारण वह पहले भी एक बार जेल जा चुका है, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद फिर तस्करी करने लगा था। पुलिस ने उसे फिर जेल भेज दिया है।

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