मुजफ्फरनगर स्कूल केस: केरल सरकार ‘मुस्लिम बच्चे’ की शिक्षा का खर्च उठाने को तैयार

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक मुस्लिम छात्र को उसके सहपाठियों से पिटवाने का मामला बढ़ता जा रहा है। स्कूल पर ताला लग चुका है और शिक्षिका तृप्ता त्यागी पर कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। इस बीच केरल सरकार ने उस छात्र की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने की पेशकश की है, जिसे उसके सहपाठियों ने अपने शिक्षक के आदेश पर थप्पड़ मारा था।

केरल के प्राथमिक शिक्षा मंत्री और सीपीएम नेता वी. शिवनकुट्टी ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि अगर बच्चे के माता-पिता उसे केरल भेजने के लिए तैयार हैं तो राज्य लड़के को गोद लेने और उसकी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए तैयार है।

शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि “केरल बच्चे को यहां पढ़ने के लिए आमंत्रित कर रहा है। हम उनके लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे। यदि उसके माता-पिता सहमत हैं, तो हमारा शिक्षा विभाग उसकी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए तैयार है।”

उन्होंने कहा कि जिस निजी स्कूल में बच्चा पढ़ रहा था, उसे जांच लंबित होने तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। “वह बच्चा अब उस स्कूल में नहीं पढ़ सकता। वह यहां आ सकते हैं और स्थानांतरण प्रमाणपत्र या जन्म प्रमाणपत्र जैसे किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ के बिना दाखिला करा सकते हैं।”

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बच्चे का दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बच्चे के पिता ने कहा कि अब उस स्कूल में बच्चे को नहीं भेजा जायेगा।

उन्होंने कहा कि “मैं केरल सरकार का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने यह पेशकश किया। लेकिन मैं मौलाना अरशद मदनी (दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल) की सलाह पर अपने बेटे को शाहपुर (मुजफ्फरनगर के पास) के एक स्कूल में दाखिला दिलाने जा रहा हूं। ”

बच्चे के पिता ने कहा कि “मौलाना ने अपने प्रतिनिधियों को मुझसे मिलने के लिए भेजा था। इसलिए, मैं पहले ही अपने बेटे को उनके स्कूल में स्थानांतरित करने और उसे यूकेजी कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए सहमत हो गया हूं।”

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शुक्रवार को गांव में एक पंचायत बुलाई थी और दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद सुलह के प्रयास में बच्चे को थप्पड़ मारने वाले लड़कों में से एक को गले लगाने के लिए कहा था।

गौरतलब है कि पीड़ित बच्चे के पिता द्वारा मंसूरपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद दोनों पक्षों में सुलह-समझौता कराने की कोशिश शुरू हो गई है।

छात्र को उसके सहपाठियों से पिटवाने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने मामले का संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से बीएसए और आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी को 6 सितंबर को पक्ष रखने के लिए बुलावा भेजा गया है। साथ ही नेहा पब्लिक स्कूल से जुड़े 8 बिंदुओं पर मुजफ्फरनगर के डीएम से रिपोर्ट मांगी है।

शिक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा है। और छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में छात्र के पिता ने मंसूरपुर थाने में तहरीर दी है। मंसूरपुर पुलिस की ओर से धारा 323 और 504 में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

नेहा पब्लिक स्कूल और शिक्षिका तृप्ता त्यागी की परेशानी बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने नेहा पब्लिक स्कूल को बंद करने का आदेश दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि साल 2019 में स्कूल ने नर्सरी से कक्षा पांच तक की मान्यता ली थी। यह अंतरिम रूप से तीन साल के लिए दी जाती है। इसकी अवधि 2022 में पूरी हो चुकी है। इसके बाद प्रबंधन ने मान्यता रिन्यू नहीं कराया। विभागीय कार्रवाई के चलते स्कूल बंद होने के बाद बच्चों का एडमिशन दूसरे स्कूल में कराया जाएगा।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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