Friday, April 26, 2024

डाकू की तरह बात कर रहे हैं कानून मंत्री: जयराम रमेश 

रिटायर्ड जजों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर रिजिजू पर तंज कसा है। कपिल सिब्बल ने कहा है कि रिजिजू ने कहा कि कुछ रिटायर्ड जज ‘भारत विरोधी गैंग’ का हिस्सा हैं। इस पर मेरी प्रतिक्रिया है कि सरकार में कुछ राजनेता ‘पता नहीं क्या कहते हैं गैंग’ का हिस्सा हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू की ‘कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों’ के ‘भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा’ होने की टिप्पणी की विपक्षी नेताओं ने कड़ी आलोचना की है, जिन्होंने मंत्री को ‘एक डाकू की तरह बात करने’ और ‘अन्याय का प्रचार’ करने के लिए आड़े हाथों लिया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘कानून मंत्री डाकू की तरह बात कर रहे हैं। अन्याय का प्रचार करने वाला न्याय मंत्री। यह भाषण के बाद की आजादी के लिए खतरा नहीं है तो क्या है?’

स्वराज अभियान के सदस्य और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एक साथी जो मुंसिफ बनने के लायक नहीं है, वह न्यायाधीशों को धमकी दे रहा है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कहा, ‘एक मंत्री यह बयान देकर बच नहीं सकता है। प्रमाण दीजिए। धमकी मत दो। ‘(न्यायाधीशों) को कीमत चुकानी होगी’। आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया। हिंदू महासभा ने अंग्रेजों का समर्थन किया। हमें भारत समर्थक, भारत विरोधी ज्ञान मत दो!

माकपा नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा, ‘किरण रिजिजू, रोल पर – अब वह न्यायाधीशों को धमकी देते हैं: ‘कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं; देश के खिलाफ किसी को भी कीमत चुकानी होगी।’ क्या वह कानून मंत्री है या कानूनहीनता?

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘अब उनके लिए यह कहना कि जज भारत विरोधी हैं, यह बहुत शर्मनाक है। किरण रिजिजू को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट के जजों को भारत विरोधी कह रहे हैं। किरण रिजिजू को ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए। यह दुर्भाग्य की बात है कि उन्होंने कानून मंत्री होते हुए भी यह ‘लक्ष्मण रेखा’ लांघी। आज देश को अपने सुप्रीम कोर्ट पर गर्व है। पूरे देश में सर्वे कराओ, आज एक ही संस्था है जिस पर लोगों की आस्था है और वो है सुप्रीम कोर्ट।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है? क्या कानून मंत्री को न्यायपालिका को धमकाना शोभा देता है? यह उन जजों के लिए खतरा है जो सरकार के सामने झुकने से इनकार करते हैं और यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश है। सरकार की आलोचना करने का मतलब देश के खिलाफ होना नहीं है।

शनिवार को नई दिल्ली में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि भारत विरोधी गैंग का हिस्सा बन चुके कुछ रिटायर्ड जज और कार्यकर्ता कोशिश कर रहे हैं कि न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए। उन्होंने कहा था कि हम इस ‘टुकड़े-टुकड़े गिरोह’ को हमारी अखंडता और संप्रभुता खत्म करने की इजाजत नहीं देंगे।

रिजिजू ने कहा था कि कुछ लोग कोर्ट जाते हैं और कहते हैं कि सरकार पर लगाम लगाएं और सरकार की नीति बदलें। ये लोग चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए, जो संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा था कि ये लोग खुले तौर पर कैसे कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका को सरकार के आमने-सामने होना चाहिए। यह किस तरह का प्रचार है? ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।कोई भी बच नहीं पाएगा।

रिजिजू ने एक बार फिर जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना की और कहा कि यह केवल कांग्रेस की गलतियों की वजह से हुआ और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह काम करना शुरू किया। उसके बाद कॉलेजियम सिस्टम अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि जब तक कोई नई व्यवस्था लागू नहीं की जाती है, हम कॉलेजियम सिस्टम का पालन करेंगे, लेकिन जजों की नियुक्ति न्यायिक आदेश से नहीं की जा सकती।

भारतीय लोकतंत्र के खतरे में होने के बारे में ब्रिटेन में राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयास देश और विदेश दोनों जगह किए जा रहे हैं। कोई भी, अगर राहुल गांधी या कोई भी कहता है कि भारतीय न्यायपालिका को हाईजैक कर लिया गया है या देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है, न्यायपालिका मर चुकी है, इसका क्या मतलब है? भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के लिए सोच-समझकर प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि वे दिन-ब-दिन यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार भारतीय न्यायपालिका को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है।

इस संबंध में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एजेंसियां कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगी। कोई नहीं बचेगा। जिन लोगों ने देश के खिलाफ काम किया है, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।

( जे.पी.सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के विशेषज्ञ हैं।)

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