बिहार राज्य कमेटी की बैठक।

महबूब आलम फिर बने CPIML विधायक दल के नेता, गुलनाज हत्याकांड पर 18 नवंबर को राज्यव्यापी प्रदर्शन

पटना। बलरामपुर से चौथी बार रिकॉर्ड वोटों से जीत कर आए विधायक महबूब आलम सीपीआई (एमएल) विधायक दल के नेता होंगे। आज पटना में हुई पार्टी के विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया। दरौली से पांचवीं बार निर्वाचित विधायक सत्यदेव राम उपनेता और अरुण सिंह विधानसभा के भीतर पार्टी के सचेतक होंगे। इसके पहले पार्टी की राज्य कमेटी की बैठक संपन्न हुई।

राज्य कमेटी की बैठक में माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, राजाराम सिंह, धीरेन्द्र झा, रामेश्वर प्रसाद, केडी यादव, अमर, मीना तिवारी सहित सभी नवनिर्वाचित विधायक, राज्य कमेटी के सदस्य, जिला सचिव और 7 चुनाव हार गए पार्टी प्रत्याशी भी शामिल हुए। जेल में बंद रहने के कारण जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा बैठक में शामिल नहीं हो सके। सभी प्रत्याशियों ने चुनाव के समय के अपने अनुभवों को बैठक में साझा किया।

माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी जीत जनता के विभिन्न सवालों पर लगातार चले धारवाहिक आंदोलनों की जीत है। लॉकडाउन में जहां सभी दल अपने घरों में दुबके हुए थे, हमारी पार्टी के विधायक व कार्यकर्ता अपनी जिंदगी की बिना परवाह किए प्रवासी मजदूरों की सहायता में तत्पर रहे। रोजगार के सवाल पर हमारी पार्टी की युवा विंग लगातार आंदोलनरत रही। यही कारण है कि हमें 12 सीटों पर सफलता मिली और 3 सीट मामूली वोट से हारे। आने वाले दिनों में पूरी पार्टी और हमारा विधायक दल शिक्षा, समम्मानजक रोजगार और अन्य सवालों पर जो जनाकांक्षा पैदा हुई है, उसे पूरा करने के लिए जोरदार आंदोलन चलाएगा।

माले महासचिव ने नवगठित मंत्रिमंडल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को शिक्षा मंत्रालय देने को काम किया है, जो कृषि विश्वविद्यालय में एक बड़े घोटाले के आरोप में कभी खुद नीतीश कुमार द्वारा पार्टी से निकाले गए थे। मेवालाल चैधरी को मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए, इसको लेकर हमारी पार्टी धारावाहिक आंदोलन में उतरेगी। यह भी कहा कि ऐसे व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाकर नीतीश कुमार ने पहले से ही दम तोड़ चुकी बिहार की शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचाने और उसे संगठित भ्रष्टाचार का अड्डा बना देने का निश्चय कर लिया है।

बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार सरकार किसी तरह हड़पी हुई सता के जश्न में है। दूसरी ओर, वैशाली से लेकर भोजपुर, सिवान हर जगह चुनाव बाद हमलों की बाढ़ आ गई है। वैशाली में मुस्लिम लड़की गुलनाज के हत्यारों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग पर 18 नवंबर को भाकपा-माले, ऐपवा, आइसा-आरवाईए के बैनर से राज्य व्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर ने की।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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