लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि उन्नाव के सब्जी विक्रेता 18 वर्षीय फैजल की पुलिस पिटाई से हुई मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि मुरादाबाद में स्वयंभू गोरक्षकों द्वारा मांस विक्रेता शाकिर की सरेआम लाठियों से पिटाई की गई। और अब मुख्य अभियुक्त को पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि मुरादाबाद के कटघर थानाक्षेत्र में बीती 23 मई (रविवार) को बिक्री के लिए स्कूटर से मांस ले जा रहे मो. शाकिर को गोरक्षा वाहिनी उपाध्यक्ष के नेतृत्व में भगवा संगठन के लोगों ने रोका और गोमांस बता कर लाठियों से बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने न आव देखा न ताव, स्वयंभू गोरक्षकों के कहने पर फौरन मांस विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। बाद में जब जांच हुई, तो मांस भैंस का निकला जो गैर-प्रतिबंधित है। यही नहीं, गोरक्षकों ने शाकिर से पचास हजार रुपये रंगदारी भी मांगी थी।
माले नेता ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के दबाव में पुलिस ने अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए मो. शाकिर को छोड़ तो दिया, मगर 50 किलो मांस की मात्रा को बिना पूर्व अनुमति के ले जाने को गैरकानूनी बताकर अपनी ओर से एक और मुकदमा पीड़ित शाकिर के खिलाफ दर्ज कर दिया। बेशक शाकिर के परिजनों की शिकायत पर पिटाई करने की एफआईआर पुलिस ने वाहिनी सदस्यों के खिलाफ बाद में दर्ज की, जिसमें चार की गिरफ्तारी हो जाने की बात पुलिस ट्वीट कर कह रही है। कामरेड सुधाकर ने कहा कि लेकिन पुलिस मुख्य अभियुक्त वाहिनी उपाध्यक्ष मनोज सिंह ठाकुर को पकड़ने के बजाय उसे संरक्षण देने में लगी है।
राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार की शह पर स्वयंभू गोरक्षा वाहिनी गिरोह चला रहे गुंडे कानून अपने हाथ में लेने से बिल्कुल नहीं हिचकिचा रहे। गोरक्षा की आड़ में अवैध वसूली का धंधा चलाया जा रहा है और निर्दोषों की बर्बर पिटाई से लेकर भीड़ हत्या की जा रही है। यह भाजपा और संघ के घृणा अभियान का हिस्सा है। खुशकिस्मत है कि शाकिर की जान बच गई, लेकिन उन्नाव का सब्जी विक्रेता कांड हो या मुरादाबाद का मांस विक्रेता कांड – इन दोनों ही घटनाओं के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है।
माले नेता ने मुरादाबाद के उक्त मामले में कानून हाथ में लेने वाले मनोज ठाकुर समेत स्वयंभू गोरक्षकों की गिरफ्तारी, उन्हें कड़ी सजा, पीड़ित शाकिर को मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
+ There are no comments
Add yours