Friday, April 19, 2024

नवरीत के दिल में किसानों की पीड़ा थी, इसलिए वह गए थे ट्रैक्टर परेड में: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने रामपुर पहुंचीं। उन के साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद थे। आज गुरुवार को बिलासपुर के डिबडिबा गांव में नवरीत सिंह की अंतिम अरदास का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शहीद नवरीत के परिवार वालों से उन्होंने काफी देर बात की और आश्वासन दिया कि इस दुख की घड़ी में कांग्रेस पार्टी उन के साथ खड़ी है।

प्रियंका गांधी ने इस दौरान मंच से कहा, “मुझे अपने अनुभव से मालूम है कि एक शहीद का परिवार उसकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता। वो शहादत को अपने दिल में रखता है हमेशा के लिए। शहादत से उसके दिल में सिर्फ एक तमन्ना रहती है कि अपने प्यारे की शहादत व्यर्थ न हो। मैं जानती हूं कि आप सभी के दिल में यही तमन्ना है। नवरीत 25 साल के थे, मेरा बेटा 20 साल का है। आपके भी नौजवान बेटे हैं, जो अपना उत्साह दिखाने और किसानों के साथ खड़े होने के लिए वहां चले गए, उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वापस नहीं आए।”

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि क्यों गए थे वो वहां, कोई राजनीतिक साजिश नहीं थी कि वो वहां गए। वो इसलिए गए थे कि उनके दिल में दुख था। उनके दिल में किसानों की पीड़ा थी। उनको मालूम था कि जु़ल्म हो रहा है और गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि जुल्म करना पाप है, लेकिन जु़ल्म को सहना उससे भी बड़ा पाप है। यही सोचते हुए एक नौजवान बच्चा किसान आंदोलन में शामिल होने दिल्ली चला गया। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि किसान आंदोलन में कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में खड़ी है। वो किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं होने देगी।

आज सुबह रामपुर में शहीद नवरीत के अरदास में पहुंचने से पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का काफिला हादसे का शिकार हो गया। हापुड़ में गढ़ मुक्तेशवर के पास प्रियंका गांधी के काफिले में शामिल चार वाहनों की आपस में टक्कर हो गई। इस हादसे में किसी को चोट नहीं लगी। दरअसल काफिले में शामिल अगली कार के ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगा दिए थे। इसके बाद पीछे चल रही कारों की टक्कर हो गई।

बता दें कि गणतंत्र दिवस को किसानों की ट्रैक्टर परेड के मौके पर दिल्ली के आईटीओ पर नवरीत सिंह की संदिग्ध मौत हो गई थी। नवरीत की मौत को लेकर काफी विवाद हुआ था। नवरीत के परिजन और मौका-ए-वारदात पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया था कि नवरीत को दिल्ली पुलिस ने गोली मारी थी। गोली लगने के बाद नवरीत का ट्रैक्टर पलटा था। पुलिस गोली से नवरीत की मौत का दावा करने वाले लोगों और पत्रकारों के खिलाफ़ केस दर्ज करवाया गया था।

वहीं नवरीत के ट्रैक्टर हादसे के बाद दिल्ली पुलिस की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें देखा गया था कि आईटीओ के पास पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश में तेज रफ्तार ट्रैक्टर पलट जाता है। इस ट्रैक्टर के नीचे नवरीत सिंह दब जाते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक नवरीत सिंह की मौत दुर्घटना के कारण हुई थी।

बता दें कि किसान नवरीत के पुश्तैनी गांव डिबडिबा के लोगों ने बैनर लगाकर किसान विरोधी कानून का साथ देने वाले मंत्री, विधायक और सांसदों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। यह आह्वान अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति ने किया है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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