नूंह एमएलए मम्मन खान की गिरफ्तारी, मोनू-मानेसर पर अपने समर्थकों के बीच हरियाणा सरकार की घेरेबंदी का नतीजा तो नहीं? 

नई दिल्ली। हरियाणा पुलिस ने नूंह से कांग्रेस विधायक मम्मन खान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी नूंह हिंसा मामले में की है। इसके पहले हरियाणा सरकार ने कल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सामने पेश एफआईआर में 31 जुलाई को हुए नूंह हिंसा में उनको एक आरोपी के तौर पर शामिल किया है।

बताया जा रहा है कि हरियाणा पुलिस आज उनको नूंह स्थित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस कोर्ट से उनकी कस्टडी मांगने की कोशिश करेगी।

मम्मन खान के मामले में हरियाणा सरकार ने कल कोर्ट को सूचित किया था कि “नूंह जिले के नगीना पुलिस स्टेशन में भारतीय संहिता की धारा 148, 149, 153A, 379A, 456, 506 के तहत 1 अगस्त, 2023 को एफआईआर दर्ज की गयी थी। इस मामले में 52 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से 42 की गिरफ्तारी हो चुकी है। तौफीक नाम के एक आरोपी की 9 अगस्त को गिरफ्तारी की गयी थी। और मम्मन खान इसका एक और आरोपी है। उसके बाद जरूरी जांच की गयी और तौफीक और मम्मन खान की कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन और टावर लोकेशन ली गयी। और यह पाया गया कि नूंह हिंसा से एक दिन पहले उनके मोबाइल से 29 और 30 जुलाई को कॉल की लेन-देन हुई थी। टावर लोकेशन के हिसाब से मम्मन खान 29 और 30 जुलाई को घटनास्थल के एक से डेढ़ किमी के दायरे में थे। इसका मतलब है कि याचिका में उनके घटनास्थल के करीब न होने की बात कहना गलत है।

याचिकाकर्ता के सुरक्षाकर्मी कांस्टेबल जय प्रकाश और कांस्टेबल प्रदीप का भी बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत रिकॉर्ड किया गया है।  और ये दोनों बयान भी मम्मन खान के 1.5 किमी के भीतर के दायरे में रहने की पुष्टि करते हैं। और मम्मन खान ने ह्वाट्सएप और फेसबुक पर इस तरह की एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता ने उनके लिए विधानसभा में लड़ा है। और मेवात में भी लड़ेगा।” इसमें आगे कहा गया है कि अब्दुल्ला खान नाम का एक और आरोपी है जिसकी अभी गिरफ्तारी होनी है।

हालांकि खान के वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को मामले में दायर एफआईआर में शामिल किया गया है इस बात का पता उसे कल ही चला है। लिहाजा उसे अपने बचाव और उसके पक्ष में चीजों को पेश करने के लिए कुछ दिनों का समय दिया जाए।

दरअसल मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के मामले में हरियाणा सरकार अपने समर्थकों के बीच घिरती जा रही थी। लिहाजा उसे कुछ ऐसा करके दिखाना था जिससे इस बात का संदेश जाए कि वह मुस्लिमों के खिलाफ अपने अभियान में किसी तरह से कमजोर नहीं पड़ी है। मोनू मानेसर को जिस तरह से गिरफ्तार कर के हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस को सौंपा उससे इस बात का संदेश जा रहा था कि बजरंग दल के इस नेता की गिरफ्तारी में हरियाणा सरकार का पूरा हाथ है। जिसके चलते बीजेपी समर्थकों का मनोबल बहुत गिर गया था और उन्हें अपने समर्थकों के सवालों का कोई जवाब देते नहीं बन रहा था। लिहाजा इस तरह के किसी सवाल से बचने और उसका जवाब देने के लिए उसने सीधे इलाके के मुस्लिम और विपक्षी दल कांग्रेस से जुड़े एमएलए की गिरफ्तारी कर ली।

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